Monday, December 8

दिल्ली। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान ने विज्ञान भवन में अपना 35वाँ स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया। कार्यक्रम सुबह 10:30 बजे शुरू हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रोफेसर चमू कृष्ण शास्त्री रहे। कार्यक्रम का आरंभ श्रीमद दयानंद कन्या गुरुकुल महाविद्यालय, चोटीपुरा की छात्राओं ने वैदिक मंत्रों के उच्चारण, सरस्वती वंदना और अतिथियों के दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। अतिथियों का स्वागत एनआईओएस के अध्ययन केंद्र अमर ज्योति स्कूल, कड़कड़डूमा के दिव्यांग शिक्षार्थियों ने स्वागत गीत से किया। जिसे सभी अतिथियों ने करतल ध्वनि से सराहा। तत्पश्चात एनआईओएस का ध्येय गीत प्रस्तुत किया गया।समारोह में उपस्थित अतिथियों का स्वागत एनआईओएस के अध्यक्ष प्रोफेसर पंकज अरोड़ा ने स्वागत उद्बोधन कर किया और स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। प्रोफेसर अरोड़ा ने अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और वर्तमान में इसकी प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए बताया कि एनआईओएस ने भारतीय ज्ञान परंपरा और देशज ज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया है और सभी विषयों में उत्कृष्ट विषयवस्तु को समाहित किया जा रहा है। एनआईओएस सुदूर स्थानों तक शिक्षा पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। एनआईओएस के स्थापना दिवस समारोह में नए पाठ्यक्रम नाट्यकला का विमोचन किया गया। मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रो. चमू कृष्ण शास्त्री ने बटन दबाकर इलेक्ट्रॉनिकली उल्लास से निओस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के तहत 15 वर्ष से अधिक उम्र के निरक्षर व्यक्तियों को शिक्षित कर उनके प्रमाणन का कार्य एनआईओएस करेगा। इसके तहत 2027 तक 5 करोड़ शिक्षार्थियों को शिक्षित करने का लक्ष्य है। सम्मानित अतिथि प्रो. (डॉ) निर्मलजीत सिंह कलसी (भा.प्र.से.) पूर्व अध्यक्ष, एनसीवीईटी ने बताया कि शिक्षक देश की सबसे बड़ी संपदा है और इन्होंने एनआईओएस के शिक्षार्थियों की प्रतिभा और कौशल को विश्वस्तर का बताया। इन्होंने एनआईओएस की इन्क्लूसिव शिक्षा प्रणाली की सराहना की।

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