बिलासपुर। बहुचर्चित डीएड एवं बीएड विवाद में चौथी बार अवमानना याचिका की सुनवाई गुरूवार को जस्टिस अरविन्द कुमार वर्मा की बैंच में हुई। कोर्ट द्वारा अंतिम अवसर प्रदान करते हुए सात दिनों के भीतर डीएड धारियों की नई सेलेक्शन लिस्ट जमा करने कहा गया। अगली सुनवाई 10 दिसम्बर को होगी। कोर्ट की इस सख्ती के बाद अब यह लगभग तय माना जा रहा है कि 3 हजार के करीब बीएड डिग्रीधारियों की नौकरी चली जाएगी।
हालांकि, बीएड वालों ने सरकार से इस बारे में गुहार लगाते हुए किसी और जगह समायोजित करने की मांग की है। ज्ञात हो कि पिछले सुनवाई में शिक्षा विभाग के तमाम बड़े अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से हाईकोर्ट ने 21 दिनो के भीतर बीएड को बाहर करते हुए केवल डीएड का नया सेलेक्शन लिस्ट तैयार करके पेश करने कहा गया था। लेकिन 21 दिन दिन बीत जाने के बाद भी सरकार की ओर से किसी भी प्रकार का कोई लिस्ट जमा नहीं करने पर हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने अंतिम समय देते हुए सात दिनों में लिस्ट को कोर्ट में पेश करने कहा है।
राज्य भर्ती नियम 2019 के तहत हुई नियुक्ति
जानकारों के मुताबिक, कोर्ट के इस आदेश का पालन तो सरकार को करना ही होगा लेकिन सरकार कोर्ट में हलफनामा पेश कर सकती है। इसमें कहा जा सकता है कि नए नियमों से भर्ती भविष्य में की जाएगी और इसका ध्यान रखा जाएगा। अभी जिन लोगों की भर्ती हो गई है, उन्हें यथावत नौकरी पर रहने दिया जाए। नियमों की बात करें तो इनकी नियुक्ति राज्यपाल द्वारा अनुमोदित गजट ‘छत्तीसगढ़ राज्य भर्ती नियम 2019’ के तहत हुई है। सभी सहायक शिक्षक, छत्तीसगढ़ व्यापमं द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा (2023) पास कर मैरिट में स्थान प्राप्त कर शैक्षणिक सेवा में आए हैं। इसके साथ ही भर्ती राज्य शासन के नियमों के अधीन हुई है।