Sunday, December 7

पटना । मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में जेल में बंद बिहार कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव हंस पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कस दिया है। मंगलवार, 3 दिसंबर को ईडी ने दिल्ली, गुड़गांव, कोलकाता, जयपुर और नागपुर समेत 13 स्थानों पर छापेमारी की। ये छापेमारी आईएएस अधिकारी संजीव हंस, पूर्व विधायक गुलाब यादव और उनके करीबियों के ठिकानों पर की गई।
छापेमारी में अहम दस्तावेज और बड़ी संपत्ति का खुलासा
ईडी की जांच में पता चला है कि संजीव हंस ने पद का दुरुपयोग कर अवैध तरीके से धन अर्जित किया। इसे सफेद धन में बदलने में गुलाब यादव और अन्य सहयोगियों ने उनकी मदद की। छापेमारी के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 60 करोड़ रुपये के शेयर संजीव हंस के एक करीबी के डीमेट अकाउंट में पाए गए। 70 बैंक खातों की जानकारी मिली, जिनमें से 10 करोड़ रुपये की शेष राशि फ्रीज की गई है। 23 लाख रुपये नकद और 16 लाख रुपये विदेशी मुद्रा जब्त की गई। 40 लाख रुपये की विदेशी घड़ियां और एक किलो से अधिक सोना-जेवरात बरामद। चंडीगढ़ में संजीव हंस के नाम 95 करोड़ रुपये का रिसॉर्ट होने का खुलासा हुआ।
दुष्कर्म के आरोप से मनी लॉन्ड्रिंग तक मामला
मामले की शुरुआत जनवरी 2023 में हुई थी, जब एक महिला ने पूर्व विधायक गुलाब यादव और संजीव हंस पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। महिला का कहना था कि उसे 2016-17 में महिला आयोग का सदस्य बनाने का झांसा देकर यौन शोषण किया गया। इस मामले में जब 90 लाख रुपये और एक लग्जरी कार का लेनदेन सामने आया, तो ईडी ने अपनी जांच शुरू की।
ईडी की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि संजीव हंस ने न केवल अवैध धन अर्जित किया, बल्कि इसे छिपाने और सफेद धन में बदलने के लिए विभिन्न साधनों का उपयोग किया। जिसके बाद ईडी ने आय से अधिक संपत्ति से जुड़े मामले में संजीव हंस के ठिकानों पर छापेमारी और उनसे पूछताछ शुरू की। छापेमारी में संजीव हंस के आवास से 40 लाख की कीमत की विदेशी कंपनियों की 15 बेशकीमती घड़ियां भी बरामद की गईं थीं। इसके साथ ही एक किलो से ज्यादा सोना और जेवरात भी बरामद हुए थे। संजीव हंस के पास चंडीगढ़ में 95 करोड़ का रिसॉट भी है। संजीव हंस के अकाउंट से कई खातों में बड़ी रकम भी भेजी गयी, साथ ही सरकारी पदों पर रहते हुए कंपनियों को फायदा पहुंचाने और लेनदेन के दस्तावेज हाथ लगे हैं। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजीव हंस और गुलाब यादव अब जेल में बंद हैं।
कौन है आईएएस संजीव
संजीव हंस बिहार कैडर के 1997 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. मूलतः वे पंजाब राज्य के रहने वाले हैं। उनका जन्म 19 अक्टूबर 1973 को हुआ हैं। उनके पिता राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे। बीटेक करने के बाद अपने पिता से प्रेरित होकर संजीव आईएएस बने। संजीव ने सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। बीटेक करने के बाद यूपीएससी क्रैक कर आईएएस बने हैं। संजीव हंस ने 21 अप्रैल 1998 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की। लाल बहादुर शास्त्री प्रशिक्षण अकादमी मसूरी से ट्रेनिंग खत्म करने के पश्चात उन्हें फील्ड ट्रेनिंग के लिए बिहार के बांका जिले में एसडीएम के पद पर नियुक्ति मिली। जिसके बाद वे कई जिलों के कलेक्टर रहे। विभिन्न मंत्रालय एवं भी उन्होंने काम संभाला। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने दक्षिणी बिहार के तीन जिलों में बाढ़ के पानी को पीने योग्य पानी के रूप में लाने वाली एक अभूतपूर्व जल लिफ्ट परियोजना गंगा जल आपूर्ति योजना को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जल संसाधन के अलावा स्वास्थ्य विभाग के भी प्रमुख सचिव संजीव हंस रहें। सामान्य प्रशासन विभाग के जांच आयुक्त भी संजीव हंस रहें। संजीव हंस वर्तमान में बिहार ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव व बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड पटना के एमडी रह चुके। साथ ही बिहार स्टेट हाइड्रोइलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएचपीसी) के निदेशक तथा ब्रेडा का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।

[metaslider id="184930"
Advertisement Carousel
Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031