रायपुर । केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ केडर के आईपीएस जीपी सिंह की बहाली का आदेश जारी कर दिया है। उन्हें 10 दिसंबर को ही सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी। जहां उनकी बहाली के कैट के आदेश को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। सर्वोच्चतम न्यायालय के इस फैसले के बाद अब जीपी सिंह को केंद्र सरकार ने बहाल कर दिया है। इस आदेश के जारी होने के बाद अब जल्द ही उन्हें छत्तीसगढ़ में पदस्थापना मिलने की उम्मीद है।
दो जजों ने दिया था फैसला
उल्लेखनीय है कि, उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार 10 दिसंबर को छत्तीसगढ़ के आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह के खिलाफ अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश को रद्द करने के खिलाफ भारत संघ की चुनौती को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को केंद्र की चुनौती पर यह आदेश पारित किया, जिसमें सिंह की अनिवार्य सेवानिवृत्ति को रद्द करने के केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के फैसले को बरकरार रखा गया था।
आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह के मामले में हुई थी गिरफ्तारी
उल्लेखनीय है कि, आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह के आरोप में उनकी गिरफ्तारी की गई थी। एक जुलाई वर्ष 2021 में एसीबी की टीम ने उनके पुलिस लाइन स्थित सरकारी बंगले के अलावा राजनांदगांव और ओडिशा सहित 15 अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी। जिसमें 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति के साथ कई संवेदनशील दस्तावेज पाए गए थे। छापे से मिली संपत्ति के आधार पर एसीबी ने एक तरफ जीपी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज किया था। वहीं दूसरी ओर सरकार ने 5 जुलाई को उन्हें सस्पेंड कर 8 जुलाई की रात को उनके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया था।
वर्ष 2022 में मिली थी जमानत
इस घटनाक्रम के बाद 9 जुलाई 2021 को जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की और उसमें सीबीआई जांच की मांग की थी। मामले की जांच के बाद 11 जनवरी 2022 को जीपी सिंह को नोएडा से गिरफ्तार किया गया है। जिसके बाद उन्हें मई 2022 में उन्हें जमानत मिली थी। इस पूरे वाकये के बाद सर्विस रिव्यू कमेटी की सिफारिश पर 21 जुलाई 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईपीएस जीपी सिंह को भारत सरकार ने कंप्लसरी रिटायर कर दिया था। जब आईपीएस को कंप्लसरी रिटायर करने का फैसला लिया गया था। तब उनकी सर्विस के आठ साल बचे थे।