छत्तीसगढ़ में होने वाले नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव फिलहाल टल गए हैं। इस संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को एक आदेश जारी कर कहा है कि त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के आरक्षण की कार्यवाही के लिए समय सारणी जारी की गई थी, अपरिहार्य कारणों से इसे स्थगित किया गया है। नगरीय निकायों के चुनाव के संबंध में शासन ने कोई आदेश जारी नहीं किया है। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव ने इस संबंध में कहा है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
नगरीय चुनाव स्थगित- मुझे जानकारी नहीं
नगरीय निकाय चुनाव के लिए मेयर और अध्यक्ष के चुनाव के लिए आरक्षण की कार्यवाही के लिए विहित अधिकारी बनाए गए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के संचालक कुंदन कुमार ने कहा है उन्हें निकाय चुनाव टलने के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली है।
कुंदन कुमार को तीन दिन पहले ही राज्य शासन ने निकाय चुनाव के लिए विहित अधिकारी बनाने का आदेश जारी किया था। पंचायतों के चुनाव टलने की खबरों के साथ ये जानकारी भी आ रही है कि राज्य में होने वाले नगरीय निकायों के चुनाव भी कुछ समय के लिए टल गए हैं। इस चुनाव के लिए भी सरकार ने काफी तैयारी कर ली थी।
पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की अनुशंसा के अनुरूप आरक्षण की प्रक्रिया तय कर ली गई है। इस चुनाव के सिलसिले में राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ नगर पालिका निगम संबंधी तीन अध्यादेश लाए गए थे।
इन अध्यादेशों को सोमवार को विधानसभा सत्र के पहले दिन विधानसभा के पटल पर भी रखा जा चुका है। निकायों में वार्डों का परिसीमन पूरा कर लिया गया है।
लेकिन निकाय चुनाव के लिए अभी तक आरक्षण की प्रक्रिया नहीं हुई थी। उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो ये दोनों चुनाव कुछ समय के लिए टल गए हैं। इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव नरेंद्र सर्वेश्वर भूरें से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। राज्य शासन का यह आदेश जारी होने के पहले तक राज्य में पंचायतों के चुनाव की हलचल तेज थी।
सबसे पहले तो इन चुनावों के लिए ओबीसी को आरक्षण देने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया गया था। इस आयोग ने अपना काम पूरा करके राज्य शासन को अनुशंसा कर दी थी। राज्य सरकार ने आयोग की अनुशंसा को मंजूर किया था।
यह तय हो गया था कि राज्य में ओबीसी को किस प्रकार आरक्षण दिया जाएगा। यहां तक प्रक्रिया होने के बाद राज्य शासन ने 11 दिसंबर को सभी कलेक्टरों को पत्र जारी कर पंचायतों में आरक्षण करने के लिए समय- सारिणी जारी कर दी थी। कलेक्टरों द्वारा इस आदेश पर काम किया जा रहा था। इसी बीच 16 दिसंबर को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने एक नया आदेश जारी कर आरक्षण संबंधी कार्यवाही को स्थगित करने का आदेश जारी कर दिया है। इस आधार पर माना जा रहा है कि राज्य में फिलहाल पंचायतों के चुनाव टल गए हैं। अभी ये साफ नहीं है कि ये चुनाव कब होंगे।