रायपुर। छत्तीसगढ़ के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मंगलवार को लोकसभा में ग्रामीण विकास से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए अस्थायी निधि जारी करने के विषय में सवाल पूछते हुए ग्रामीण विकास मंत्रालय से इस संबंध में विवरण और मानदंड की जानकारी मांगी।
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मांग की कि राज्यों द्वारा तैयार किए गए विशेष ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के लिए केंद्र सरकार अस्थायी निधि जारी करे। इसके जवाब में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने बताया कि मंत्रालय किसी भी राज्य द्वारा विशेष रूप से तैयार किए गए ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के लिए अस्थायी निधि जारी नहीं करता है।
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि मंत्रालय महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा), प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी), प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई), दीनदयाल अंत्योदय योजना (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन), ग्रामीण कौशल योजना और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जैसे कई प्रमुख योजनाओं के तहत निधि जारी करता है।
मंत्री ने कहा कि इन योजनाओं के तहत निधि जारी करने की प्रक्रिया नियमानुसार तय दिशा-निर्देशों और योजनाबद्ध संरचना पर आधारित होती है। राज्यों को इसके लिए उपयोगिता प्रमाणपत्र, निधियों के उपयोग का विवरण और योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन की रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है।
सांसद बृजमोहन ने इस बात पर बल दिया कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय और विशेष योजनाओं पर ध्यान देना ग्रामीण विकास को नई गति प्रदान करेगा। उन्होंने कहा, “ग्रामीण विकास के लिए हमारी प्रतिबद्धता अटूट है। ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए सतत प्रयासरत रहूंगा।”
यह पहल सांसद बृजमोहन अग्रवाल के छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों के प्रति समर्पण और उनके विकास के लिए किए जा रहे सतत प्रयासों को दर्शाती है।