Home » प्रदेश के नौ और स्वास्थ्य संस्थाओं को मिला राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण
Breaking छत्तीसगढ़ राज्यों से

प्रदेश के नौ और स्वास्थ्य संस्थाओं को मिला राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण

रायपुर. केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने वाले राज्य के नौ स्वास्थ्य केन्द्रों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS – National Quality Assurance Standard) प्रमाण-पत्र प्रदान किया है। इनमें जांजगीर चांपा, सूरजपुर, महासमुंद, दुर्ग व बिलासपुर के स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों पर खरे उतरने वाले स्वास्थ्य केन्द्रों को एनक्यूएएस प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया है।

स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने उत्कृष्टता प्रमाण-पत्र हासिल करने वाले इन सभी अस्पतालों के डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टॉफ को बधाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार का कार्य निरन्तर जारी है। उन्होंने भरोसा जताया कि ये अस्पताल आगे भी अपनी उत्कृष्टता बरकरार रखते हुए मरीजों की सेवा करेंगे और प्रदेश के दूसरे अस्पतालों के लिए नए प्रतिमान स्थापित करेंगे।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने इस साल नवम्बर में इन नौ स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों के लिए उपलब्ध सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया था। टीम ने इस संबंध में मरीजों से भी फीडबैक लिया था। टीम के मूल्यांकन में सूरजपुर जिले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चुंगड़ी को 86.65 प्रतिशत, उप स्वास्थ्य केन्द्र पाकनी को 86.43 प्रतिशत, पालदा को 84.11 प्रतिशत व जाजावल को 80.44 प्रतिशत, जांजगीर चांपा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तिलई को 88.22 प्रतिशत व आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केन्द्र सुकुलपारा को 88.57 प्रतिशत, महासमुंद जिले के उपस्वास्थ्य केन्द्र सोनासिल्ली को 87.32 प्रतिशत, दुर्ग जिले के उप स्वास्थ्य केन्द्र कोड़िया को 82.50 प्रतिशत व बिलासपुर जिले के आयुष्मान आरोग्य मंदिर उप स्वास्थ्य केन्द्र लुफा को 83.83 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के पूर्व विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर परीक्षण किया जाता है। इनमें उपलब्ध सेवाएं, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किए जाते हैं।

About the author

NEWSDESK

Advertisement

Advertisement