देश में सेवानिवृत बुजुर्ग पेंशनरों के बीच सक्रिय राष्ट्रीय विचार धारा के संगठन ” भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ” का आगामी 29-30 जनवरी 25 को तमिलनाडु राज्य के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व धार्मिक नगर “कन्याकुमारी” में दो दिवसीय बृहत सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इसमें देशभर से पेंशनर्स प्रतिनिधि शामिल होंगे।
इस सम्मेलन में छत्तीसगढ़ राज्य से रायपुर संभाग के प्रदेश महामंत्री अनिल गोल्हानी, दुर्ग संभाग के संभागीय अध्यक्ष बी के वर्मा, बस्तर संभाग के संभागीय अध्यक्ष रामनारायण ताटी, बिलासपुर संभाग से बिलासपुर जिला अध्यक्ष राकेश जैन, सरगुजा संभाग से जशपुर जिला संयोजक नारायण प्रसाद यादव के नेतृत्व में 83 पेंशनरों का प्रतिनिधि मंडल शामिल होंगे। उक्त जानकारी देते हुए जारी विज्ञप्ति में प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने आगे बताया है कि इस राष्ट्रीय सम्मेलन को राष्ट्रीय अध्यक्ष सी एच सुरेश केरल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष द्वय घनश्याम शर्मा हिमाचल व श्रीमती द्रौपदी यादव छत्तीसगढ़, राष्ट्रीय महामंत्री बी एस हाडा राजस्थान, तथा प्रमुख राष्ट्रीय पदाधिकारी, श्री निवास कर्नाटक, रविन्द्र पुरोहित महाराष्ट्र, भीमसेन सागर उत्तरप्रदेश, आर एस तरेटिया मध्यप्रदेश, रमेश राउल उड़ीसा, विश्वजीत बोस बंगाल आदि संबोधित करेंगे।
इस राष्ट्रीय सम्मेलन में पेंशनर को आयकर के दायरे से मुक्त करने। समय-समय पर उम्र बढ़ने के साथ 80 के स्थान पर 65 वर्ष की आयु में अतिरिक्त पेंशन वृद्धि हेतु राधा मोहन कमेटी की अनुशंसा को संसद में पारित कर लागू काने। केंद्र एवं सभी राज्यों में पेंशनर को प्रतिमाह ₹2000 मेडिकल भत्ता देने और इलाज में कैशलेस की सुविधा देने। केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर घोषित महंगाई भत्ता राज्य में पेंशनरों को केंद्र द्वारा घोषित तिथि एवं दर से देने हेतु राज्य सरकार को बाध्यकारी बनाए जाने और इस पर संसद में कानून पारित करने। केन्द्र सरकार द्वारा कोविड काल में वरिष्ठ नागरिकों की रेल यात्रा में रोकी गई छूट की सुविधा को तुरन्त पुन: बहाल करने तथा केंद्र एवं सभी राज्य पेंशनरों को बस एवं रेल किराए में 50% की छूट देने । पेंशनरों को भारत भ्रमण के लिए 3 वर्ष में एक बार आर्थिक सहायता देने । छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश के बीच राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 के तहत आर्थिक भुगतान में बाधक धारा 49 को विलोपित किया जाने। पेंशनर के मृत्यु होने के पश्चात उनके परिजनों को दाह संस्कार हेतु 10000 की आर्थिक मदद करने। सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को नई पेंशन योजना को रद्द कर पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए। पेंशनरों को निकायों एवं निगम मंडल के योजनाओं में निर्मित भवन आवंटन में 5% का आरक्षण देने। पेंशनर्स के सेवानिवृत्त होने के पश्चात मिलने वाली पेंशन राशि में अधिक भुगतान की वसूली पर हाई कोर्ट के निर्णय के परिपालन में स्थाई रोक के आदेश जारी करने। 31/12/1988 के पूर्व नियुक्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पश्चात अवकाश नकदीकरण, अहर्तादायी सेवा मान्य करते हुए नियमित सेवानिवृत्ति कर्मचारी की भांति समस्त लाभ देने। केंद्र सहित सभी राज्यों में पूर्व कर्मचारी कल्याण बोर्ड का गठन किए जाने। उत्तर प्रदेश की भांति 20 वर्ष की सेवा पर पूर्ण पेंशन की पात्रता दिए जाने आदि मामलों पर विचार विमर्श कर प्रस्ताव पारित किए जाएंगे और इन मांगों की पूर्ति हेतु देशव्यापी आंदोलन के कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने चर्चा की जाएगी।
कन्याकुमारी में 29- 30 जनवरी को आयोजित भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय सम्मेलन में छत्तीसगढ़ से 83 पेंशनर प्रतिनिधि शामिल होंगे
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