अयोध्या। महाकुंभ शुरू होने के बाद रिकॉर्ड संख्या में लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं। इस बीच इतनी भीड़ आ जाएगी इसकी कल्पना मंदिर ट्रस्ट ने भी नहीं की थी। पिछले एक माह से आ रही अप्रत्याशित भीड़ ने रामलला की दिनचर्या बदल दी है। मकर संक्रांति से महाशिवरात्रि तक रामलला के दरबार में सवा करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने हाजिरी लगाई है। अधिक से अधिक श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकें इसलिए मंदिर सुबह पांच बजे से रात 12 बजे तक खोला जा रहा है। रामलला प्रतिदिन 19 घंटे भक्तों को दर्शन दे रहे हैं।
रामलला के दरबार में रोजाना साढ़े तीन से चार लाख श्रद्धालु हाजिरी लगा रहे हैं। ट्रस्ट की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार मकर संक्रांति 14 जनवरी से 26 फरवरी महाशिवरात्रि तक रामलला के दरबार में 1.26 करोड़ श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया है। राम मंदिर में निरंतर उमड़ रही भीड़ ने रामलला की पूरी दिनचर्या को प्रभावित कर रखा है।
पुजारियों का कहना है कि रामलला की आरती, राग-भोग के दौरान भी मंदिर बंद नहीं हो पा रहा है। बताया गया कि इस समय रामलला को सुबह चार बजे ही जगाया जाता है। इसके बाद उनकी मंगला व श्रृंगार आरती होती है। सुबह पांच बजे से मंदिर दर्शन के लिए खोल दिया जाता है। श्रद्धालुओं में दर्शन की ललक इस कदर है कि रात दो बजे से दर्शनपथ पर श्रद्धालु जुटने लगते हैं। दोपहर की आरती के दौरान भी दर्शन चलता रहता है। केवल पांच से 10 मिनट के पर्दा लगाकर रामलला को भोग अर्पित किया जाता है। इस दौरान श्रद्धालु मंदिर में कतारबद्ध रहते हैं।
18 से 19 घंटे खुल रहा है मंदिर
पहले दोपहर भोग आरती के लिए मंदिर एक घंटे के लिए बंद किया जाता था। यही स्थिति संध्या आरती के दौरान भी रहती है। राममंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय भी श्रद्धालुओं की भीड़ को अप्रत्याशित बताते हैं। उनका कहना है कि रामलला को ठीक से विश्राम नहीं मिल पा रहा है, मंदिर 18 से 19 घंटे खोलना पड़ रहा है, यह स्थिति व्यवहारिक नहीं है।
महाशिवरात्रि पर शिवमय हुई राम नगरी
सर्वार्थ सिद्धि व त्रिग्रही योग के दुर्लभ संयोग में महाशिवरात्रि पर रामनगरी ब्रह्ममुहूर्त से ही बमबम करने लगी। घाट से लेकर मठ-मंदिरों तक हर-हर महादेव की गूंज… शिवालयों में पूजन सामग्री से सजी थाली लेकर कतारबद्ध भक्त और श्रद्धालुओं से पटी अयोध्या। बुधवार को रामनगरी में यह दृश्य आस्था का चरम प्रदर्शित कर रहा था। रामधुन में लीन रहने वाली अयोध्या पूरी तरह से शिवमय नजर आई। प्रशासन के मुताबिक करीब पांच लाख भक्तों ने जलाभिषेक, पूजन किया। महाशिवरात्रि पर ब्रह्म मुहूर्त से शुरू हुई शिवालयों सहित अन्य मंदिरों में दर्शन-पूजन का सिलसिला दिन भर चलता रहा।
अधिकतर ने भोले के मंदिर पर दस्तक देने से पूर्व सरयू में स्नान किया। इसी के साथ ही आस्था का प्रवाह शिव मंदिरों की ओर निकल पड़ा। हालांकि रामपथ पर बैरिकेडिंग के चलते श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। नागेश्वरनाथ तक जाने के लिए श्रद्धालुओं को टेढ़ी बाजार के पीछे से होते हुए करीब चार किलोमीटर तक चलना पड़ा। क्षीरेश्वरनाथ पहुंचने के लिए यह दूरी बढ़कर पांच किलोमीटर हो गई। जैसे ही श्रद्धालु भोलेबाबा की चौखट पर पहुंचे और उनके कानों में हर-हर महादेव की गूंज पहुंची तो उनकी सारी थकान दूर होती नजर आई। क्षीरेश्वरनाथ मंदिर में राम मंदिर के दर्शनार्थी भी खूब उमड़े। दर्शनार्थियों ने रामलला के साथ भोलेबाबा की भी पूजा-अर्चना की। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे। सीसीटीवी से मेला क्षेत्र की निगरानी होती रही। मंडलायुक्त गौरव दयाल, आईजी प्रवीण कुमार, एसएसपी राजकरण नय्यर ने मेला क्षेत्र का भ्रमण कर व्यवस्थाओं को परखा।
भीड़ ने बदली ‘रामलला’ की दिनचर्या… प्रतिदिन 19 घंटे भक्तों को दे रहे हैं दर्शन…
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