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होलाष्टक 7 मार्च से शुरू होकर 13 मार्च तक रहेगा, नहीं होगा कोई मांगलिक काम

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*होली से आठ दिन पहले शुरू होने वाला समय  होलाष्टक होता है. इस दौरान शुभ काम करने से बचना चाहिए*
 *होलाष्टक शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, ‘होली’ और ‘अष्टक’
होलाष्टक की खास बातें:
होलाष्टक की शुरुआत हर साल फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को होती है. 
होलाष्टक के दौरान विवाह, सगाई, मुंडन, भूमि पूजन, गृह प्रवेश, या कोई नया कारोबार शुरू करना वर्जित माना जाता है. 
होलाष्टक के दौरान हवन और यज्ञ कर्म भी नहीं किए जाते. 
नव विवाहितों को इन दिनों में मायके में रहने की सलाह दी जाती है. 
होलाष्टक के दौरान आशीर्वाद भी व्यर्थ हो जाता है. 
होलाष्टक के दौरान सभी मंगल कार्यों पर रोक लग जाती है. 
होलाष्टक के दौरान शादी, विवाह, बच्चे का नामकरण संस्कार, गृह प्रवेश और किसी भी अन्य 16 हिंदू संस्कार या अनुष्ठान जैसे शुभ समारोहों से बचा जाता है. 
*शास्त्रों के मुताबिक, होली से आठ दिन पहले यानी अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक विष्णु भक्त प्रह्लाद को बहुत यातनाएं दी गई थीं.*इसलिये ये समय त्याज्य माना जाता है “‘होली’ और ‘अष्टक’ जिसका अर्थ है आठ दिनों की अवधि. यह फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से लेकर होलिका दहन तक रहता है. *2025 में होलाष्टक 7 मार्च से शुरू होकर 13 मार्च तक रहेगा.*”
*होलाष्टक में कुछ विशेष कार्यों को करने से बचना चाहिए. *होलाष्टक के दौरान निम्नलिखित कार्यों को नहीं करना चाहिएऐसी मान्यता सनातन धर्म मे है*
1. *विवाह और शादी से संबंधित कार्य*: होलाष्टक के दौरान विवाह और शादी से संबंधित कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए.
2. *नई खरीदारी*: होलाष्टक के दौरान नई खरीदारी नहीं करनी चाहिए, खासकर घरेलू सामान और वाहन.
3. *निर्माण और मरम्मत कार्य*: होलाष्टक के दौरान निर्माण और मरम्मत कार्य नहीं करने चाहिए.
4. *यात्रा*: होलाष्टक के दौरान यात्रा नहीं करनी चाहिए, खासकर दूर की यात्रा.
5. *नई नौकरी और व्यवसाय*: होलाष्टक के दौरान नई नौकरी और व्यवसाय शुरू नहीं करने चाहिए.
6. *धार्मिक अनुष्ठान*: होलाष्टक के दौरान धार्मिक अनुष्ठान नहीं करने चाहिए, खासकर हवन और पूजा.
7. *नई शिक्षा और प्रशिक्षण*: होलाष्टक के दौरान नई शिक्षा और प्रशिक्षण नहीं शुरू करने चाहिए.
*इन कार्यों को होलाष्टक के दौरान नहीं करने से आपको अशुभ परिणामों से बचने में मदद मिल सकती है.