Tuesday, December 9

राज्य सरकार संज्ञान लेकर धारा 49 को विलोपित करने में रुचि ले- वीरेन्द्र नामदेव

भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने माननीय हाईकोर्ट बिलासपुर के द्वारा छत्तीसगढ़ शासकीय महाविद्यालयीन पेंशनर्स संघ के याचिका पर 2006 के पहले से रिटायर हुए कर्मचारियों के लिए भी छठवें वेतन आयोग के अनुसार 120 दिनों के भीतर पैंशन निर्धारित करने के दिए निर्देश का स्वागत किया है।

हाईकोर्ट बिलासपुर के निर्देश में मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 के धारा 49 का उल्लेख कर तदनुसार मध्यप्रदेश का हिस्सा के हिसाब से दोनों राज्यों को पैंशन राशि का भुगतान करने को कहा गया है। इस तरह हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद महाविद्यालय के पेंशनरों को 2006 से पेंशन भुगतान में भारी समस्या का सामना करना पड़ेगा क्योंकि धारा 49 के कारण इस भुगतान के लिए जब तक मध्यप्रदेश शासन से सहमति के साथ 74% राशि के साथ बजट नहीं मिलेगा तब तक छत्तीसगढ़ सरकार के पास लटकाने का जरिया मिल गया है। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार को इसे संज्ञान में लेकर तुरंत धारा 49 को विलोपित करने के मामले में रुचि लेकर इस अड़ंगा को हटाने की कार्यवाही करने की जरूरत पर बल दिया है।
उन्होंने आगे बताया है कि मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 के तहत छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया गया है। जिसके तहत 74: 26 अनुपात में जल जंगल जमीन सहित मानव संसाधन का बटवारा हुआ है। इसमें पेंशनर्स की संख्या भी शामिल है। जिसके अंतर्गत दोनों ही राज्यों में छत्तीसगढ़ के लगभग 1 लाख और मध्यप्रदेश के 5 लाख पेंशनर की संख्या है इन्हें ग्रेजयुटी, महंगाई राहत तथा अन्य भुगतानों में उसी अनुपात में आज 24 साल बाद भी आपसी सहमति के साथ बजट एलाटमेंट के बिना कुछ भी भुगतान नहीं किया जाता। इसे लेकर दोनों राज्य पेंशनर और परिवार पेंशनर परेशान हैं। क्योंकि इसके वजह से दोनों राज्यों के सहमति नहीं होने के कारण साल में दो बार मिलने वाला डीआर की राशि के भुगतान में हमेशा विलंब होता है और एरियर राशि से कई साल भुगतान नहीं किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि बकौल वित्त सचिव मुकेश बंसल धारा 49 के कारण छत्तीसगढ़ सरकार को प्रति वर्ष 2000 करोड़ से अधिक का नुकसान पड़ रहा है। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ ने इस नुकसान की बात से वित्त मंत्री ओ पी चौधरी को अवगत कराकर छत्तीसगढ़ राज्य को नुकसान से बचाने और पेंशनरों के हित में धारा 49 को हटाने का आग्रह किया है।
जारी विज्ञप्ति में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश नेता क्रमशः वीरेन्द्र नामदेव, जे पी मिश्रा,द्रोपदी यादव,पूरन सिंह पटेल, अनिल गोल्हानी, बी एस दसमेर, प्रदेश में विभिन्न जिलों के नेता बी के वर्मा दुर्ग, आर एन टाटी बस्तर, राकेश जैन बिलासपुर, आर जी बोहरे रायपुर , आई सी श्रीवास्तव राजनांदगांव, ओ पी भट्ट कांकेर, एस के घातोडे कोंडागांव, आर डी झाड़ी बीजापुर, एस के कनौजिया सुकमा , पी एन उड़कुड़े दंतेवाड़ा, एस के देहारी नारायणपुर, सतीश उपाध्याय मनेंद्रगढ़ चिरमिरी, प्रेमचंद गुप्ता बैकुंठपुर , सन्तोष ठाकुर सूरजपुर, माणिक चंद्र अंबिकापुर, महावीर राम बैकुंठपुर, रमेश नंदे जशपुर नगर, अभय शंकर गौराहा रायगढ़, देवनारायण साहू सारंगढ़, पुरषोत्तम उपाध्याय सक्ती, एम एल यादव कोरबा, परमेश्वर स्वर्णकार जांजगीर चांपा भैयालाल परिहार मुंगेली तथा आर ए शर्मा गौरेला पेंड्रा मरवाही, लोचन पांडेय, दिनेश उपाध्याय, एस के चिलमवार, ए के कनेरिया,अनिल पाठक,नैन सिंह,अयूब खान,कुंती राणा, अनूप श्रीवास्तव, ओ डी शर्मा, अनिल तिवारी, नारायण प्रसाद यादव, जगदीश सिंह, सुजाता मुखर्जी,आर के नारद,पी एल सिंह,एम एन पाठक, एस पी एस श्रीवास्तव, शांति किशोर माझी, प्रवीण त्रिवेदी,कलावती पाण्डे,सी एल चन्द्रवंशी,रमेश नन्दे, प्रदीप सोनी,राजेश्वर राव भोसले,अनूपनाथ योगी, हरेन्द्र चंद्राकर, शिवसिंह भदौरिया, शकील अहमद,बी एल यादव, नरसिंग राम, एम आर वर्मा, मो. कासिम, डॉ दिलीप कुमार सिंहदेव, एस के साहू आदि ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से इस मामले को संज्ञान में लेकर जनहित में त्वरित कार्यवाही धारा 49 को विलोपित करने हेतु छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा में शासकीय संकल्प लाकर पारित करने हेतु जरूरी कार्यवाही करने की मांग की है। ताकि राज्य में बुजुर्ग वरिष्ठ नागरिकों को इसका लाभ मिल सके और जीवन पड़ाव में विगत 24 वर्ष से हो रहे आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके।

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