चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों में पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. वे भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता हैं और सिंह पर सवार होती हैं. देवी का कमल पुष्प पर विराजमान स्वरूप भक्तों के लिए मंगलकारी माना जाता है. उनकी पूजा से ज्ञान, बुद्धि, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
इस दिन भक्त पीले वस्त्र धारण करते हैं और सफेद फूल, केले का भोग एवं गाय के घी का दीपक अर्पित करते हैं. ऐसा माना जाता है कि स्कंदमाता की आराधना से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और आध्यात्मिक उन्नति होती है.
भारत के प्रमुख स्कंदमाता मंदिर

- 1. स्कंदमाता मंदिर, गुजरात
यह मंदिर वडोदरा में स्थित है और 10वीं शताब्दी में बना था. इसकी भव्य वास्तुकला और मूर्तियां दर्शनीय हैं. शक्ति उपासना के इस प्रमुख केंद्र में मां स्कंदमाता का विशेष पूजन किया जाता है.
- 2. स्कंदमाता मंदिर, हिमाचल प्रदेश
यह मंदिर चंबा जिले में स्थित है और 8वीं शताब्दी का है. इसकी लकड़ी की नक्काशी बेहद प्रसिद्ध है. यह शक्ति पीठों में से एक है, जहां देवी का दिव्य स्वरूप भक्तों को आशीर्वाद देता है.
- 3. स्कंदमाता मंदिर, उत्तराखंड
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित यह मंदिर 9वीं शताब्दी में निर्मित हुआ था. यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक वातावरण के लिए जाना जाता है.
- 4. स्कंदमाता मंदिर, मध्य प्रदेश
ग्वालियर स्थित यह मंदिर 18वीं शताब्दी में बनाया गया था. इसकी भव्यता और विस्तृत संरचना इसे विशिष्ट बनाती है.
- 5. स्कंदमाता मंदिर, तमिलनाडु
मदुरै शहर में स्थित यह मंदिर 7वीं शताब्दी का है. यह अपनी अद्भुत वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है.