नई दिल्ली में हुए वन नेशन-वन इलेक्शन के समिट में देशभर के हजारों छात्रसंघ अध्यक्षों को बुलाया गया था ,जिनमें से छत्तीसगढ़ से पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ,अभी प्रदेश मंत्री -भाजयुमो प्रखर मिश्रा के नेतृत्व में 12 सदस्यीय टीम ने हिस्सा लिया ।प्रखर मिश्रा के साथ भूपेंद्र नाग,शशांक पांडेय ,अजय कंवर, आलिंद तिवारी ,यश गुप्ता ,नीतू कोठारी परमेश्वर वर्मा ,प्रणम्य पांडेय ,कोमल पटेल ,आदि शामिल हुए ।


बैठक का विषय एक देश एक चुनाव संसद में पास होना है इसकी को लेकर भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने या समिट करवाया ।पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रखर मिश्रा ने बताया कि एक देश -एक चुनाव होने से देश मे चुनावों में होते अनावश्यक करोड़े के खर्चो को बचाकर उन पैसों को अन्य विकास के कार्यों में लगाया जाना चाहिए साथ में इससे पाँच वर्षों में तीन चुनाव होने से प्रशासन तो डिस्टर्ब होता ही है साथ एक साथ चुनाव होने से हर जाति,हर वर्ग, हर उम्र, ,अनेक क्षेत्र ,प्रोफेशनल समेत अनेक योग्य युवा और वरिष्ठ पदाधिकारी को एक साथ जनता के प्रतिनिधित्व का अवसर मिलेगा जिससे अधिक योग्य व युवा चेहरो की राजनीति के सहभागिता बढ़ेगी ।

मंच पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ,धर्मेंद्र प्रधान ,सुनील बंसल जी आदि मौजूद रहे ।देशभर से केवल 10 युवाओ को बोलने का अवसर दिया गया जिसमे छत्तीसगढ़ से प्रखर मिश्रा ने कहा कि एक देश एक चुनाव होने से सबसे ज़्यादा फ़ायदा युवाओ को होगा ।जिस समाज की जनसंख्या कम है उसे भी प्रतिनिधित्व का मौक़ा मिलेगा ।अभी यह देखा जाता है कि जिस समाज का जनसंख्या प्रतिनिधित्व ज़्यादा है सभी चुनावो में केवल उसी को अवसर दिया जाता है ।व वरिष्ठों के साथ युवाओ को भी टिकिट दिए जानी की अनुपातिक बात कही ।शिवराज़ सिंह चौहान जी ने इस बात की मंच से सराहना भी की । क्या है वन नेशन- वन इलेक्शन ?? यह केवल चुनावी सुधार नहीं है ,यह भारत के लोकतंत्र को मजबूत करेगा ..1951-67 तक देश में और प्रदेश में एक साथ चुनाव होते थे ।67 में हुए चुनाव में देश में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा उसके बाद 1971 में इंदिरा गांधी जी ने लोकसभा चुनाव के साथ सामकालिक चुनाव पद्धति को बाधित किया ।भाजपा ने 2019 और 2024 के घोषणा पत्र में इसे शामिल किया ।इसमें 50% से अधिक राजनीतिक दलों से परामर्श कर सहमति ली गई ।100% उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशो से परामर्श लिया गया ।75% उच्च न्यायालयो के प्रधान न्यायाधीश से परामर्श लिया गया । अनेक समितियों से परामर्श लिया गया ।इसमें बार बार चुनाव में होने वाले 4-7 लाख करोड़ देश के बचेंगे ।यह पैसा देश के विकास स्वास्थ्य,शिक्षा और इन्फ्रास्ट्रकचर में लगना चाहिए ना की नेताओ के चुनावी रैलियों में ।