Saturday, December 13

लंकापति रावण द्वारा रचित शिव तांडव स्तोत्र एक बार फिर से सुर्खियों में है। इस बार भारतीय सेना की डीजीएमओ की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी का वीडियो चलाया गया तो वीडियो के बैकग्राउंड में शिव तांडव की धुन सुनाई दी। पूरा प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल शिव तांडव स्त्रोत की ध्वनि से गूंज उठा। इसी के साथ ही शिव तांडव स्तोत्र को लोक गूगल पर टाइप कर सर्च करने लगे।दरअसल भारत-पाकिस्तान के सीजफायर के बाद भारतीय सेना के तीनों सेनाओं ने रविवार शाम साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में भारतीय सेना के ऑपरेशन को दिखाया गया। कॉन्फ्रेंस में शिव तांडव स्तोत्र की ध्वनि और स्क्रीन पर वीडियो में लिखा था ‘भारत सिर्फ बल प्रयोग से ही नहीं, बल्कि अडिग संकल्प से जवाब देता है (India not respond with force but unwavering resolve)। आखिर देश के इतने अहम ऑपरेशन के लिए इस शिव तांडव स्तोत्र की ध्वनि को ही क्यों चुना गया? हिंदू धर्म ग्रंथों और मान्यताओं में शिव और शिव तांडव स्त्रोत के बारे में विस्तार से जानते हैं। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, शिव तांडव स्त्रोत की रचना दशानन रावण ने महादेव को प्रसन्न करने के लिए की थी। जब महादेव रावण की तपस्या से प्रसन्न हुए तो उसने वरदान में ऐसे शक्तिशाली अस्त्र की मांग की, जिससे कोई भी उसका विनाश न कर सके। हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों का मानना है कि शिव तांडव स्त्रोत का पाठ और इसकी ध्वनि ऊर्जा से ओत-प्रोत कर देती है। उन्हें नकारात्मक शक्तियों से दूर करती है। यह भक्तों को शिव की दिव्य ऊर्जा से जोड़ने, आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने और नकारात्मकता को दूर करने की अपनी क्षमता के लिए पूजनीय है।

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