बाल विवाह जैसी कुरीति के प्रति जागरूकता हेतु आयोजित कार्यशाला में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा कि बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति के उन्मूलन के लिए समाज के सभी वर्गों का सहयोग आवश्यक है । देश में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है यह देश के 28 राज्यों के 300 से अधिक जिलों में संचालित किया जा रहा है ताकि 2030 तक भारत को बाल विवाह से मुक्त किया जा सके. पिछले 1 वर्ष में 5 करोड़ से अधिक लोगों ने इस हेतु शपथ ली है. भारत में: भारत में बाल विवाह की दर 2006 में 47.4% थी, जो 2019-21 में घटकर 23.3% हो गई है. भारत में बाल विवाह के खतरे में बच्चों की संख्या: एनसीपीसीआर (NCPCR) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में ऐसे 11 लाख बच्चों की पहचान की गई है जो बाल विवाह के खतरे में थे, जिनमें से उत्तर प्रदेश में 5 लाख से अधिक बच्चे थे. भारत में बाल विवाह का प्रचलन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग है।

यूनिसेफ के अनुसार पश्चिम बंगाल, बिहार ,झारखंड राजस्थान और त्रिपुरा जैसे प्रदेशों मे हजारों युवतियों की शादी 18 वर्ष की आयु से पहले हो जाती है. डॉ दिनेश मिश्र ने कहा शिक्षा का प्रचार प्रसार न होने जागरूकता की कमी , पुरानी परम्पराओ को पालन करने के नाम पर होने वाले बाल विवाहों को रोकना सभी जागरूक नागरिकों का कर्तव्य है, वैसे तो बाल विवाह भी साल भर होते है पर रामनवमी से अक्षय तृतीया के बीच में अधिकाधिक संख्या में बल विवाह संपन्न होते है ,जिनमे कई बार तो वर वधु बने बच्चे अंगूठा चूसते हुए माँ की गोद में बैठे रहते है तो अनेक मामलों में दस ग्यारह वर्ष की उम्र में ही शादी कर जाती है ,इस आयु में बच्चे न तो शारीरिक तथा मानसिक रूप से विवाह जैसी गंभीर जिम्मेदारी निभाने के लायक होते है। बाल विवाह से बालिकाओ की पढाई लिखाई बंद हो जाती है बल्कि उन्हें कम उम्र से ही मातृत्व का बोझ उठाना पड़ता है जिसके लिए वे शारीरिक व मानसिक रूप से तैयार नहीं होती। बाल विवाह की प्रथा न ही धार्मिक रूप से सही है और न ही सामाजिक रूप से पुरातन भारतीय व्यवस्था में भी व्यक्ति के शिक्षा पूर्ण करने के बाद युवावस्था में ही विवाह कर गृहस्थ आश्रम में प्रवेश को उचित बताया गया है किसी भी धर्मं ने नन्हे बच्चों की शादी को उचित नहीं ठहराया है बल्कि अल्पव्यस्क बालिकाओ की मृत्यु भी प्रसूति के समय हो जाती है। डॉ. मिश्र ने अपील की कि वे अपने आसपास अगर कोई भी नाबालिग बच्चे की शादी होते देखें तो तुरंत पुलिस प्रशासन एवं समिति को सूचित करें ताकि उस पर समय रहते समझाईश एवं कार्यवाही हो सके।