मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में अनेक कदम उठाए जा रहें हैं इससे किसानों के जीवन स्तर में सुधार आ रहा है। छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र को समृद्धि की नई दिशा देने में उद्यानिकी खेती एक सशक्त माध्यम बनकर उभरी है। आधुनिक तकनीकों और सरकारी योजनाओं के समन्वय से राज्य के किसान अब पारंपरिक सीमाओं को पार करते हुए आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
सक्ति जिले के डभरा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत दर्री निवासी श्री सोमप्रसाद पटेल, पिता श्री ठंडाराम पटेल, लंबे समय तक परंपरागत खेती कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते रहे। सीमित आमदनी और अस्थिर उत्पादन के कारण आर्थिक स्थिति स्थिर नहीं हो पा रही थी। ऐसे में जब उन्हें उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी प्राप्त हुई तो उन्होंने इसे एक अवसर के रूप में स्वीकार किया।
योजना से जुड़ाव और खेती में नवाचार
श्री पटेल ने वर्ष 2024-25 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत सब्जी क्षेत्र विस्तार योजना में भागीदारी की। उन्होंने 0.500 हेक्टेयर भूमि पर टमाटर की खेती प्रारंभ की। योजना के तहत उन्हें 10 हजार रुपए का अनुदान प्रदान किया गया, जिससे उन्हें प्रारंभिक संसाधनों की व्यवस्था में सहायता मिली।
आधुनिक तकनीकों से बढ़ी उपज और आय
श्री पटेल ने खेती में ड्रिप सिंचाई प्रणाली, मल्चिंग जैसी उन्नत तकनीकों को अपनाया। परिणामस्वरूप, उन्हें 18 हजार किलोग्राम टमाटर का उत्पादन प्राप्त हुआ, जिससे स्थानीय थोक बाजार दरों के अनुसार 2 लाख 70 हजार की शुद्ध आय प्राप्त हुई। यह आय परंपरागत धान फसलों की तुलना में तीन से चार गुना अधिक है।
नवाचार बना प्रेरणा का स्रोत
अब श्री पटेल एक सफल प्रगतिशील किसान के रूप में क्षेत्र में पहचाने जाते हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व में परंपरागत खेती से उन्हें सीमित लाभ होता था, लेकिन अब उद्यानिकी फसलों से उन्हें नियमित, अधिक और सुनिश्चित आय प्राप्त हो रही है।
उनकी सफलता को देखकर आसपास के किसान भी प्रेरित हो रहे हैं और उद्यानिकी खेती की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। श्री पटेल ने छत्तीसगढ़ सरकार एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा प्रदान की गई तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन की विशेष प्रशंसा की है।
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