Wednesday, September 3

अब हार्ट अटैक सिर्फ बूढ़ों को नहीं होता… सिद्धार्थ शुक्ला, के के, शेफाली जरीवाला– जवान, फिट और एक्टिव लोग –फिर भी अचानक उनकी मौत ने हमें चौंका दिया। हमें लगने लगा था कि हार्ट अटैक केवल बुजुर्गों को होता है। लेकिन सच यह है: अब हार्ट अटैक किसी भी उम्र में, किसी को भी हो सकता है। और सबसे बड़ी बात– हार्ट अटैक अचानक नहीं आता। आपका शरीर एक हफ्ते पहले ही चेतावनी देने लगता है। हार्ट अटैक क्यों होता है? दिल को खून देने वाली कोरोनरी आर्टरी जब ब्लॉक हो जाती है, तो दिल तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचती। इससे हार्ट मसल्स डैमेज होने लगते हैं और यही होता है हार्ट अटैक।
शरीर देता है संकेत – इन्हें कहते हैं Prodromal Symptoms: मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, 41% हार्ट अटैक पेशेंट्स ने अटैक से पहले कुछ लक्षण महसूस किए थे। इन संकेतों को मेडिकल भाषा में कहते हैं: प्रोड्रोमल सिम्प्टम्स अगर इन्हें समय रहते पहचान लिया जाए तो जान बच सकती है!
हार्ट अटैक से 7 दिन पहले दिखने वाले 8 संकेत:
सीने में दबाव या दर्द: ऐसा महसूस होना जैसे कोई भारी चीज़ चेस्ट पर रखी हो। दर्द बाएं हाथ, कंधे या जबड़े तक जा सकता है। दर्द कभी आता है, कभी चला जाता है, इसलिए लोग इसे इग्नोर कर देते हैं।
सांस फूलनाः सीढ़ी चढ़ते या हल्का चलने में भी सांस उखड़ना। बिना किसी कारण, लगातार सांस लेने में दिक्कत। अक्सर लोग इसे सीने की infection समझ लेते हैं।
अचानक और लगातार थकानः पूरी नींद लेने के बाद भी थकावट। हर समय ऊर्जा की कमी महसूस होना। काम करने का मन न करना। यह सर्कुलेशन कम होने का संकेत है – यानी दिल सही से काम नहीं कर रहा।
दिल की धड़कन का तेज़ होनाः दिल का रुक-रुक कर या ज़ोर से धड़कना। बिना एक्सरसाइज किए भी दिल की धड़कन महसूस होना।
ठंडा पसीना आनाः बिना गर्मी या शारीरिक मेहनत के ठंडे पसीने आना। खासकर रात में अगर ऐसा हो तो सतर्क हो जाइए।
बदहजमी या गैस जैसा फील होनाः सीने में जलन, मतली या उल्टी जैसा लगना। लोग इसे पेट की समस्या समझकर इग्नोर कर देते हैं। यह हार्ट अटैक का एक साइलेंट सिग्नल हो सकता है।
चक्कर आना या नींद न आनाः बार-बार नींद से जाग जाना। रात में बेचैनी, घबराहट होना। ऐसा लगना कि कुछ गलत होने वाला है।
एंग्जायटी और डर लगनाः बिना वजह घबराहट। अचानक अंदर से डर महसूस होना। यह आपके दिल की SOS कॉल हो सकती है, महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अलग हो सकते हैं।
महिलाओं में चेस्ट पेन नहीं, बल्कि ये लक्षण ज़्यादा आम होते हैंः अत्यधिक थकान। पेट में दर्द या उल्टी। अनजानी घबराहट या डिप्रेशन।
हार्ट अटैक का सबसे बड़ा खतरा: TIME IS MUSCLE – हर मिनट कीमती है। जितनी देर करेंगे, उतना हार्ट मसल्स डैमेज होगा। केके और सिद्धार्थ शुक्ला जैसे केस हमें यही सिखाते हैं कि सिम्प्टम्स को हल्के में लेना मौत को दावत देना है।
अगर आप ये लक्षण महसूस करें तो क्या करें? पैनिक ना करें लेकिन इग्नोर बिल्कुल भी ना करें। तुरंत किसी करीबी को बताएं — अकेले न झेलें। डॉक्टर को दिखाएं, ECG/टेस्ट करवाएं। जरूरत हो तो एंबुलेंस बुलाएं क्योंकि रास्ते में इलाज शुरू हो सकता है।
याद रखिए: हार्ट अटैक की न उम्र होती है, न चेहरा। आपकी “अवेयरनेस” ही आपकी सबसे बड़ी सेफ्टी शील्ड है। अगर यह जानकारी आपके लिए उपयोगी रही हो तो: Upvote जरूर कीजिए — ताकि यह पोस्ट और लोगों तक पहुंचे। नीचे comment करके बताइए – क्या आपने कभी ऐसा कोई लक्षण महसूस किया है? और अगर आप ऐसी ही और हेल्थ अवेयरनेस पोस्ट्स पढ़ना चाहते हैं तो मुझे follow करना न भूलें।
धन्यवाद! स्वस्थ रहिए, सजग रहिए।

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