Tuesday, September 23

भारतीय त्योहार इसलिए खास माने जाते हैं कि क्योंकि इनमें शामिल होने से रिश्ते और मजबूत होते हैं। त्योहारों में ऐसी रौनक होती है, जो दूर बैठे रिश्तों को और पास लाती है और गिले-शिकवे दूर करती है। ऐसा ही एक मामला भोपाल की फैमिली कोर्ट में देखने को मिला। एक महिला ने फैमिली कोर्ट में तलाक की याचिका दायर करते हुए यही कहा कि उसने एक ही शर्त पर शादी करने की हां की थी कि वह कभी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ेगी। पहले तो ससुराल वालों ने हां कर दी, लेकिन शादी के बाद पढ़ाई बंद करा दी। इस बात पर पति-पत्नी के बीच विवाद इतना बढ़ा कि मामला तलाक तक पहुंच गया। कोर्ट ने मामले को काउंसलिंग के लिए भेजा। दोनों पक्षों को बुलाया गया। काउंसलिंग में पति और उसकी मां (सास) पहुंचे और दोनों ने बहू पर कई आरोप लगाए। इसके बाद काउंसलर नुरुनिशा खान ने महिला को समझाया और मामले की पूरी जानकारी जज को दी। जब कोर्ट में सुनवाई होने लगी तो कोर्ट ने महिला से कहा कि पहले करवाचौथ मनाकर आओ औऱ उसके बाद अपनी पूरी रिपोर्ट कोर्ट में दर्ज करना। अब मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी। महिला काउंसलिंग सभागार से ही मंगलवार को पति और सास के साथ चली गई।

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