शनिवार को अडानी ग्रुप ने ऐलान किया कि उसकी कंपनी अडानी पावर बिहार में विशाल निवेश करने जा रही है. समूह ने बिहार राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (BSPGCL) के साथ 25 साल के बिजली आपूर्ति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
इस समझौते के तहत भागलपुर जिले के पीरपैंती में बनने वाले प्लांट से राज्य को बिजली उपलब्ध कराई जाएगी. कंपनी का दावा है कि इस परियोजना में लगभग तीन अरब डॉलर (26,482 करोड़ रुपये) का निवेश होगा और इससे 10 से 12 हजार लोगों के लिए प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
पीरपैंती बनेगा ऊर्जा हब
भागलपुर का पीरपैंती आने वाले वर्षों में बिहार की ऊर्जा जरूरतों का बड़ा केंद्र बनने जा रहा है. यहाँ अडानी पावर का नया थर्मल पावर प्लांट स्थापित किया जाएगा. इस परियोजना को डिजाइन, निर्माण, वित्तपोषण, स्वामित्व और संचालन मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा. कंपनी ने बताया कि संयंत्र को 60 महीनों यानी पाँच साल के भीतर चालू करने का लक्ष्य रखा गया है.
बिजली आपूर्ति समझौते का महत्व
यह परियोजना बिहार राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड के साथ हुए बिजली आपूर्ति समझौते (Power Supply Agreement) के तहत पूरी होगी. अगस्त महीने में उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड और दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने अडानी पावर को स्वीकृति पत्र जारी किया था.
अडानी पावर ने 6.075 रुपये प्रति किलोवाट घंटा की न्यूनतम दर की पेशकश कर यह अनुबंध हासिल किया. समझौते के अनुसार, प्लांट से उत्पादित बिजली सीधे बिहार की वितरण कंपनियों तक पहुँचेगी, जिससे राज्य की बिजली स्थिति में सुधार होगा.
निवेश और रोजगार का बड़ा पैमाना
अडानी ग्रुप का कहना है कि इस परियोजना पर लगभग तीन अरब अमेरिकी डॉलर का खर्च आएगा. इतनी बड़ी राशि का निवेश बिहार में इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए अब तक के सबसे बड़े निवेशों में गिना जाएगा. निर्माण चरण में लगभग 10,000 से 12,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से काम मिलेगा. वहीं, प्लांट शुरू होने के बाद करीब 3,000 लोगों को स्थायी रोज़गार मिलेगा. यह पहल बिहार की बेरोजगारी समस्या को कुछ हद तक राहत दे सकती है.
बिहार को अभी भी बिजली संकट का सामना करना पड़ता है. राज्य के कई हिस्सों में ग्रामीण और शहरी इलाकों को नियमित आपूर्ति नहीं मिल पाती. उद्योग और कारोबार के विस्तार में भी ऊर्जा संकट सबसे बड़ी बाधा है.
बिहार में निवेश की नई उम्मीदें
अडानी पावर का यह निवेश बिहार के लिए कई मायनों में अहम है. अब तक राज्य में बड़े पैमाने पर औद्योगिक निवेश की कमी रही है. अक्सर निवेशक बिजली, इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी को लेकर चिंतित रहते हैं.
यदि यह परियोजना समय पर पूरी होती है, तो यह न केवल ऊर्जा आपूर्ति की गारंटी देगी बल्कि बिहार में औद्योगिक माहौल को भी बेहतर करेगी. इस निवेश से प्रदेश की छवि एक ‘निवेश-अनुकूल राज्य’ के रूप में बन सकती है.













