Tuesday, November 18

सोमवार सुबह हैदराबाद-बिजापुर हाईवे पर हुआ एक भयावह हादसा न सिर्फ 19 जिंदगियों को लील गया, बल्कि कई और परिवारों को हमेशा के लिए जिंदगी भर का ऐसा जख्म दे दिया जो शायद ही कभी भर सकें. दरअसल यह महज कोई एक सड़क दुर्घटना नहीं है बल्कि उन सपनों का अंत था जो कॉलेज की किताबों, परिवार की खुशियों और सुनहरे भविष्य की उम्मीदों से भरे हुए थे. इस हादसे में सबसे मार्मिक कहानी है येलैया गौड़ की, जो एक ड्राइवर हैं. इस दर्दनाक हादसे में उन्होंने एक ही दिन में अपनी 3 बेटियों को खो दिया. उनकी तीन बेटियों के नाम तनुषा, साई प्रिया और नंदिनी थे.

हादसे में जान गंवाने वाली तीनों बहन हैदराबाद में पढ़ाई कर रही थीं और एक शादी में शामिल होने के लिए तांडूर आई थीं. परिवार ने हाल ही में बड़ी बेटी अनुषा की शादी का जश्न मनाया था, और अब एक और शादी के लिए बेटियां घर आई थीं. येलैया ने बताया, “मैंने उन्हें आने के लिए मना भी किया था लेकिन उनकी मां ने उन्हें यहां पर बुला लिया. इसके बाद वो रात में वापस लौटना चाहती थीं, हमने कहा सोमवार सुबह निकलो. जब उन्हें बस स्टॉप छोड़ा, किसी ने कहा बस ठीक नहीं है, फिर भी भेज दिया. अब पूछता हूं कि तीन बेटियां चली गईं, मैं क्या करूंगा?”

इस हादसे में 33 वर्षीय सलीहा बेगम और उनके तीन महीने के बेटे की मौत भी हुई. जो कि हैदराबाद अपने नाना-नानी से मिलने जा रही थीं, जब राहतकर्मी मलबा हटाकर शव को निकाल रहे थे, तो सलीहा अपने बच्चे के सीने से चिपकी मिलीं. एक मां की आखिरी झप्पी, जो अपने बच्चे को बचा नहीं सकी, लेकिन उसे अकेला भी नहीं छोड़ा.

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