पुष्पों के बगैर देवी-देवता की पूजा या कोई भी धार्मिक अनुष्ठान अधूरा माना जाता है, उसे तोड़ने के बाद कितने दिनों तक रखने के बाद चढ़ाया जा सकता है? क्या फूल को धुल कर भगवान को चढ़ाना चाहिए? पूजा के फूल से जुड़े सभी जरूरी नियम जानने के लिए पढ़ें ये लेख.
क्या आपको फूलों को तोड़ने और ईश्वर को चढ़ाने से जुड़े जरूरी नियम पता हैं? क्या आपको मालूम है कि कौन सा फूल या पत्र कितने दिनों में बासी होता है? यदि नहीं तो आइए इससे जुड़े सभी नियम को विस्तार से जानते हैं.

हिंदू मान्यता के अनुसार किसी भी पूजा में देवी-देवताओं को फूल धुलकर नहीं चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से उसकी पवित्रता समाप्त हो जाती है. जल का स्पर्श पाते ही वह जल देवता को अर्पित माना जाता है. ऐसे में किसी देवता को चढ़ाए जाने पर वह जूठा माना जाता है. इसके पीछे यह भी कारण माना जाता है कि पानी में पुष्प को धाने से उसकी नैसर्गिक खुशबू भी समाप्त हो जाती है.

हिंदू मान्यता के अनुसार कभी भी देवी-देवताओं की पूजा में बासी, कीड़े खाए हुए, टूटे-फूटे, मुरझाए, जमीन पर गिरे और दूसरों से मांगकर नहीं चढ़ाना चाहिए. इसी प्रकार किसी देवी या देवता को चढ़ाए हुए जूठे फूल भी किसी दूसरे देवता को नहीं चढ़ाना चाहिए.
हिंदू धर्म में पूजा के लिए प्रयोग लाए जाने वाले पुष्पों और पवित्र पत्तों के बासी होने का नियम बताया गया है क्योंकि ईश्वर की पूजा में बासी फूल चढ़ाने को बड़ा दोष माना गया है. मान्यता है कि बेल पत्र टूटने के बाद 30 दिन तक बासी नहीं होता है. वहीं शमी पत्र 6 दिनों बाद और कमल का फूल 8 दिनों बाद बासी माना जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार पेड़ से टूटने के बाद मोगरा का फूल 4 दिन, कनेर का फूल 8 दिन और केवड़े का पुष्प 4 दिनों तक बासी नहीं होता है. वहीं माली के पास रखा हुआ यदि अच्छी स्थिति में है तो वह बासी नहीं माना जाता है.

हिंदू मान्यता के अनुसार पूजा के लिए चढ़ाए जाने वाले फूल को हमेशा स्नान करने से पहले तोड़ना चाहिए. स्नान करने के बाद फूल नहीं तोड़ना चाहिए. फूल को किसी पवित्र और शुद्ध पात्र में तोड़कर रखना चाहिए. हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान को चढ़ाए जाने वाले फूल को सूर्योदय के बाद से लेकर दोपहर 12 बजे के बीच में तोड़ा जा सकता है. इसके पहले और इसके बाद पूजा के लिए फूल भूलकर भी नहीं तोड़ना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. )













