सिडनी । सिडनी के बैडमिंटन कोर्ट पर रविवार की दोपहर भारतीय सपनों की रैकेट से निकली एक चमक ने दुनिया को चकाचौंध कर दिया। लक्ष्य सेन, उत्तराखंड का यह युवा शटलर, जिसने अपनी मेहनत की डोर से भारतीय बैडमिंटन को नई ऊँचाइयों पर बाँधा है, ने ऑस्ट्रेलियन ओपन सुपर-500 का खिताब जीतकर नया इतिहास रच दिया।
तनाका पर लक्षित ‘लक्ष्य’ फ़ाइनल में उनका मुकाबला जापान के युशी तनाका से था। लेकिन मैच की शुरुआत से ही लक्ष्य का अंदाज़ बता रहा था कि वह सिर्फ़ खेल नहीं रहे, बल्कि अपनी पहचान को एक नए मुक़ाम पर ले जाने आए हैं।उन्होंने तनाका को 21-15, 21-11 से हराकर सिर्फ़ खिताब ही नहीं जीता, बल्कि यह साबित कर दिया कि भारतीय बैडमिंटन का भविष्य अटूट है। इस पूरी भिड़ंत को ख़त्म होने में सिर्फ़ 38 मिनट लगे—एक ऐसा फ़ाइनल जहाँ लक्ष्य का खेल उनके नाम की तरह ही ‘लक्ष्यबद्ध’ दिखा।













