सर्दी का मौसम चल रहा है और इन दिनों ठंड कुछ ज़्यादा बढ़ गई है. ठंड के मौसम में फल खाने चाहिए या नहीं? विशेष रूप से संतरे और केले. क्योंकि इस मौसम में दोनों ही फल बहुत अच्छे आ रहे हैं पर एक डर भी रहता है की इसे खाने से क्या सर्दी- खाँसी हो सकती है.
संतरा खाने पर खांसी क्यों बढ़ सकती है?
संतरे की है अम्लीय प्रकृति: संतरा एक साइट्रिक एसिड वाला फल होता है. और कुछ लोगों को ऐसे फल सूट नहीं करते हैं. अगर वे सैट्रिक एसिड वा फल खाते हैं तो गले की झिल्ली उत्तेजित हो जाती है और ऐसा तब ज़्यादा होने की संभावना हितू गौ जब आपको पहले से ही खांसी या गले में खराश हो.
म्यूकस ट्रिगर करता है: खट्टे यानी एसिडिक खाने से म्यूकस ट्रिगर होता है. जो म्यूकस (बलगम) को पतला कर देते हैं.इससे बार-बार गला साफ करने की इच्छा और खांसी बढ़ सकती है.
एलर्जी या संवेदनशीलता: कुछ लोगों को संतरे के तत्वों से हल्की एलर्जिक प्रतिक्रिया हो सकती है, जिससे गले में खुजली, खांसी या छींकें बढ़ती हैं.
केले से खांसी क्यों बढ़ सकती है?
ठंडी तासीर का है केला: केले को ठंडी तासीर का फल कहा जाता है. ठंड के मौसम में या रात के समय इसका सेवन करने से बहुत से लोगों को गले में खराश, सर्दी और खांसी की समस्या हो जाती है.
अधिक म्यूकस बनाना: केला कई लोगों में बलगम बढ़ाने वाला माना जाता है. जिन लोगों को पहले से ही खांसी-जुकाम है, उनमें यह कभी-कभी परेशानी बढ़ा सकता है.
पेट में संवेदनशीलता: banana intolerance की स्थिति में लोगों को अपच, गैस या एसिडिटी होती है, जिससे गले में जलन और खांसी हो सकती है.
ऐसा क्या करें की खांसी न बढ़े?
संतरा खाते समय रखें ध्यान: अगर आपको पहले से ही खांसी है तो खट्टे फल थोड़े समय के लिए कम करें इसके अलावा एक जरूरी बात जो ध्यान रखने वाली है की संतरा खाने के तुरंत बाद ठंडी हवा से बचें. और सुबह या दोपहर में ही खाएं और रात के समय बिल्कुल भी संतरा नहीं खायें.
केला खाते समय रखें ध्यान: रात में केला खाने से बहुत ज़्यादा परहेज करना चाहिए क्योंकि ये ठंडी प्रवृत्ति का फल है. और यदि आपको पहले से बलगम ज्यादा बन रहा है तो कुछ दिनों के लिए केला बिल्कुल ना खाएं.हल्की-फुल्की सर्दी-खांसी में केला गुनगुने पानी के साथ खाया जा सकता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. )













