भारतीय रेलवे की प्रीमियम ट्रेन सेवा वंदे भारत स्लीपर का यात्री बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि वंदे भारत स्लीपर को दिसंबर में लॉन्च करने का लक्ष्य है। फिलहाल इसके पहले प्रोटोटाइप रेक में ट्रायल रन के बाद कुछ बदलाव किए गए हैं, ताकि यात्रियों को लंबी दूरी की यात्रा में बेहतर आराम मिल सके।
वंदे भारत की चेयर कार सेवा ने देश में दिन के सफर को एक नई पहचान दी है। अब स्लीपर वर्जन को राजधानी एक्सप्रेस से भी बेहतर अनुभव देने के लिए डिजाइन किया गया है। 28 अक्टूबर को रेल मंत्रालय ने आधिकारिक रूप से 16 कोच वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को मंजूरी दी। यह सेमी हाई-स्पीड ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलेगी, लेकिन 180 किमी प्रति घंटा तक की रफ्तार पर सफल परीक्षण किया गया है।
पिछले महीने मुंबई-अहमदाबाद रूट पर इसका 130 किमी प्रति घंटा की गति से ट्रायल किया गया। इस ट्रायल का मकसद ट्रेन की स्थिरता, आराम और सस्पेंशन की गुणवत्ता का परीक्षण करना था। इस रेक में 11 AC थ्री-टियर, चार AC टू-टियर और एक फर्स्ट AC कोच शामिल है। वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह ट्रायल केवल परीक्षण के लिए था और इसका यह मतलब नहीं था कि ट्रेन यही से चलेगी।
हालांकि यात्रियों में यह जानने की उत्सुकता है कि देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन किस रूट पर दौड़ेगी। वर्तमान में नई दिल्ली-मुंबई रूट और दिल्ली-कोलकाता रूट देश के लंबे और सबसे अधिक यात्री वाले रूट हैं। इसलिए माना जा रहा है कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन मुंबई-दिल्ली या दिल्ली-कोलकाता मार्ग में से किसी एक पर शुरू हो सकती है। इन दोनों रूटों पर राजधानी एक्सप्रेस को सबसे ज्यादा प्रतिसाद मिलता है।
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन 2026 के मध्य तक यात्री सेवा में आ सकती है। पहले रेक से मिले फीडबैक के आधार पर कई सुधार किए गए हैं। इनमें बेहतर बनाए गए टॉयलेट, नया डिजाइन किया गया बर्थ सिस्टम, बदली हुई होल्डिंग आर्म्स, टाइप-ए और टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट, फोल्डेबल स्नैक टेबल, इंटीग्रेटेड लाइटिंग और लैपटॉप चार्जिंग पॉइंट शामिल हैं।













