आजादी के बाद से लेकर अब तक भारत के बजट की अकाउंटिंग और कैलकुलेशन के तरीके में काफी बदलाव आया है। बजट का सफर लंबा रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आजाद देश का पहला बजट किसने और कब पेश किया था।
आजाद भारत का पहला बजट
1947 में देश आजाद होने के बाद आजाद भारत का पहला बजट 1947-48 में ही पेश किया गया था। यह बजट तब के फाइनेंस मिनिस्टर आरके शणमुखम शेट्टी ने पेश किया था। बजट में कुल 197.39 करोड़ रुपए खर्च का प्रावधान किया गया था। इसका 46 फीसदी यानी 92.74 करोड़ रुपए सिर्फ डिफेंस मिनिस्ट्री को आवंटित किया गया था।
कब शुरू हुआ अंतरिम बजट का कॉनसेप्ट
साल 1948-1949 में फाइनेंस मिनिस्टर आरके शणमुखम शेट्टी ने दूसरी बार बजट पेश किया था। इस बजट में शेट्टी ने एक नया टर्म -अंतरिम बजट-इस्तेमाल किया था। तब से हर बार जब लोकसभा चुनाव होता है तब इस टर्म का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ महीनों की बजट जरूरतों को पूरा करने के लिए लेखानुदान या अंतरिम बजट का इस्तेमाल किया जाता है।
कब खत्म हुआ था कैपिटल गेन टैक्स
साल 1949-50 इस बजट में कैपिटल गेन टैक्स को खत्म कर दिया था। हालांकि अब सरकार ने इसे दोबारा लागू कर दिया है।
योजना आयोग का गठन कब हुआ?
साल 1950-51 के बजट में औपचारिक तौर पर योजना आयोग का ऐलान किया गया था। इसके अध्यक्ष पीएम को बनाया गया था। मोदी सरकार ने योजना आयोग को खत्म करके नीति आयोग का गठन कर दिया है।
जब शराब पर 100 फीसदी सरचार्ज लगा
1951-52 इस बजट में शराब पर सरचार्ज दोगुना करके 100 फीसदी कर दिया गया था। इनमें बीयर, स्पीरिट्स और दूसरे फरमन्टेड लीकर शामिल थे।
जानिए कब बजट में अमेरिका से मदद ली गई थी
साल 1952-53 के बजट में अमेरिका की एक हृत्रह्र फोर्ड फाउंडेशन से सहयोग मिला था। हालांकि इसके बाद ऐसा कभी नहीं किया गया।
जब टैक्स छूट 17 फीसदी तक बढ़ा
साल 1953-54 के बजट न्यूनतम इनकम टैक्स छूट को 17 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया गया था। उस वक्त टैक्स फ्री इनकम को 3600 रुपए से बढ़ाकर 4200 रुपए कर दिया गया था।
जब बजट में बैंक बनाने का फैसला हुआ
साल 1954-55 के बजट में आम लोगों को लोन देने के लिए एक स्पेशलाइज्ड फाइनेंशियल संस्था बनाने का ऐलान किया था। इसका नाम आईसीआईसीआई रखा गया था।
जब कुंवारे और शादीशुदा लोगों के लिए अलग टैक्स स्लैब बना
साल 1955-56 का बजट बेहद खास था। इस बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव रखा गया था। पहली बार किसी बजट में कुंवारे और शादीशुदा लोगों के लिए अलग-अलग टैक्स स्लैब था।
फिर लगा कैपिटल गेन टैक्स
साल 1956-57 के बजट में एकबार फिर कैपिटल गेन टैक्स लगाने का फैसला किया गया था। जबकि 1949-50 के बजट में इसे हटाया गया था।