Wednesday, December 10

रायपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय पुरूष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान 1088 पुरूषों ने नसबंदी करवाई है। राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार और परिवार नियोजन में पुरूषों की भागीदारी बढ़ाने के लिए 21 नवम्बर से 4 दिसम्बर 2020 तक राष्ट्रीय पुरूष नसबंदी पखवाड़ा का आयोजन किया गया था। कोरोना काल के बावजूद परिवार नियोजन की जिम्मेदारी निभाते हुए इस दौरान 1088 पुरूषों ने नसबंदी करवाई। कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा इस बार यह पखवाड़ा आयोजित किया गया था। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि राष्ट्रीय पुरूष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान कांकेर जिले में 396, कबीरधाम में 200, रायपुर में 137, कोंडागांव में 48, बेमेतरा में 45, मुंगेली में 42, गरियाबंद और सरगुजा में 27-27, दुर्ग में 23, धमतरी में 19, बलौदाबाजार-भाटापारा में 17, जांजगीर-चांपा में 14, नारायणपुर और दंतेवाड़ा में 13-13, सुकमा में 11, कोरबा और बालोद में दस-दस, जशपुर और महासमुंद में आठ-आठ, रायगढ़ में छह, कोरिया और सूरजपुर में पांच-पांच और बलरामपुर-रामानुजगंज में तीन पुरूषों ने परिवार नियोजन के स्थाई साधन के रूप में एनएसवीटी करवाई है। डॉ. शुक्ला ने बताया कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार पुरूषों की अब है बारी, परिवार नियोजन में भागीदारी के नारे के साथ राष्ट्रीय नसबंदी पखवाड़ा-2020 का आयोजन दो चरणों में किया गया था। पहला चरण 21 से 27 नवम्बर तक मोबिलाइजेशन सप्ताह के रूप में तथा दूसरा चरण 28 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक सेवा वितरण सप्ताह के रूप में मनाया गया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की संचालक ने बताया कि परिवार नियोजन इंडैमिनिटी योजना (एफपीआईएस) के तहत नसबंदी के कारण उत्पन्न हुई जटिलताओं, असफलता और मृत्यु के प्रकरणों में प्रदान की जाने वाली धनराशि को अब दोगुना कर दिया गया है। फरवरी-2020 के बाद से नसबंदी के असफल मामलों को भी इसमें शामिल किया गया है। एफपीआईएस के तहत स्वास्थ्य विभाग की ओर से मितानिन व एएनएम विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर पुरूषों और महिलाओं को परिवार नियोजन के लिए नसबंदी कराने प्रेरित करती हैं। नसबंदी करवाने वाले पुरुषों को दो हजार रूपए और महिलाओं को 1400 रूपए प्रोत्साहन राशि के तौर पर दिए जाते हैं। नसबंदी असफल होने पर दंपति को योजना के तहत पहले 30 हजार रूपए का मुआवजा दिया जाता था। स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब इसे बढ़ाकर 60 हजार रूपए कर दिया गया है। इसमें राज्यांश और केन्द्रांश की राशि 50-50 प्रतिशत है। परिवार नियोजन हेतु नसबंदी के लिए लोगों को जागरूक करने स्वास्थ्य केंद्रों की दीवारों में पेंटिंग करवा कर इसकी जानकारी दी जा रही है। नसबंदी के बाद अस्पताल या घर में सात दिन के अंदर लाभार्थी की मौत होने पर आश्रित को पहले दो लाख रूपए दिए जाते थे। अब इसे बढ़ाकर चार लाख रूपए कर दिया गया है। इसमें 50 प्रतिशत अंश केंद्र सरकार का और 50 प्रतिशत अंश राज्य सरकार का रहेगा। नसबंदी के बाद नसबंदी के कारणों से 8 से 30 दिन के भीतर मृत्यु होने पर 50 हजार के स्थान पर एक लाख रूपए की क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की जाएगी। इसमें भी 50 प्रतिशत अंश केंद्र सरकार का और 50 प्रतिशत अंश राज्य सरकार का है। नसबंदी ऑपरेशन के बाद अस्पताल से छुट्टी के 60 दिनों तक कॉम्प्लिकेशन होने पर मिलने वाले वास्तविक खर्च (अधिकतम 25 हजार रूपए तक) को बढ़ाकर अब अधिकतम 50 हजार रूपए तक कर दिया गया है।

[metaslider id="184930"
Advertisement Carousel
Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031