विरोध करने वालों की सोच और आरोप हास्यास्पद-छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरशन
दुर्ग। छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरेशन ने पदाधिकारियों ने कहा है कि अब शिक्षकों के बीच अंतर पैदा करने वाले एलबी शब्द की जरुरत नहीं है। पदाधिकारियों ने एलबी शब्द हटने का विरोध करने वालों की सोच और आरोप को हास्यापद बताया है। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि बीते 22-23 वर्षों से शिक्षक संवर्ग को कई वित्तीय अनियमितताओं से, भेदभाव पूर्ण वातावरण से गुजरना पड़ा। राज्य की वर्तमान प्रमुख विपक्षी पार्टी की सरकार ने भी हमारे जीवन की बहुमूल्य 15 वर्ष बर्बाद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। इतने पर भी मन नहीं भरा तो आखरी 15वें वर्षों के आखिरी पखवाड़े में यह कह कर शिक्षाकर्मी संवर्ग का अपमान कर दिया गया कि संविलियन न कभी हुआ है और न कभी होगा जिससे 1 लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों को निराशा और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा। मगर आखिरकार हमारी एकजुटता और दृढ़ संकल्प से संविलियन प्राप्त हुआ जिसमें कोई दो राय नहीं कि तत्कालीन विपक्ष पार्टी के प्रमुख नेता वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हमारे बीच आकर छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया था और उस भीड़ में मैं स्वयं उनके बाजू में खड़ा रहकर शासन को ललकार रहा था। उन्होंने पूरी भीड़ से वादा किया था कि संपूर्ण संविलियन कर देंगे और सत्ता में आते ही 8 वर्ष की बाध्यता समाप्त कर शेष शिक्षाकर्मी साथियों का भविष्य बनाने का काम किये। उतना ही नहीं छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरशन के भेदभाव पूर्ण वातावरण से मुक्ति के विशेष अभियान व दृढ़ संकल्प के फलस्वरूप मुख्यमंत्री जी का हम शिक्षक संवर्ग का भला करने की इच्छाशक्ति का ही परिणाम है कि पूर्व सरकार द्वारा जोड़ दिये गये एलबी शब्द जो हमारा मजाक बनाने के लिए काफी था उसे हटाने में सहर्ष स्वीकाराोक्ति दी जिस पर कार्य राज्य में युद्ध स्तर पर चल रहा है जिसके लिए छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरशन और शिक्षक हित में कार्य करने वाले राज्य के अन्य संघठनों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है। संगठन के सदस्यों ने कहा कि साथियों हम विश्वास दिलाना चाहते हैं कि एलबी शब्द हटाने से हमारे हितों को कोई नुकसान नहीं होगा जैसा संगठन विरोधी भाव से दुष्प्रचार किया जा रहा है। हम केवल शिक्षक- एलबी, सहायक शिक्षक-एलबी, व्याख्याता-एलबी से एलबी विलोपित कर, शिक्षक, सहायक शिक्षक, व्याख्याता पदनाम चाहतें हैं, और रही बात संवर्ग की तो एलबी कोई संवर्ग नहीं है केवल भेदभाव पैदा करने वाला षड्यंत्र मात्र है संवर्ग तो ई, टी ही रहेगा। और रही बात प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता का वह हमारी मांग में शामिल है। सहायक शिक्षक एल बी के वेतन विसंगति के पश्चात अन्य महत्वपूर्ण मांगों में क्रमोन्नत वेतनमान, 2 वर्ष पश्चात वेतन वेटेज, अनुकंपा नियुक्ति मेंं 10 प्रतिशत नियम में शिथिलीकरण सहित अन्य मांग शामिल है, जिसे शासन ने मानते हुए आश्वस्त किया है कि जरुर पूरा किया जाएगा। महाफैडरेशन के पदाधिकारियों ने कहा कि मित्रों आप सभी से निवेदन है कि दिग्भ्रमित न हो और वेबबाजार में चल रहे हर उस बातों पर आंखें मूंदकर विश्वास नहीं करें तथ्यों कि लिखित ब्यौरा सामने आने पर ही भरोसा करें अन्यथा पूर्व की भांति ही हमेशा संगठनात्मक षडयंत्र का शिकार होना पड़ेगा। साथियों हम जो करते हैं वही तथ्य के साथ वेबन्यूज में डालते हैं। भविष्य में भी हमारी टीम हमेशा शिक्षक हितों में अच्छे परिणाम के लिए संघर्षरत् रहेगा और आप सभी प्रदेश के एक लाख अस्सी हज़ार शिक्षकों से अपील है कि सत्य और संघर्षशील संगठनों का ही साथ दे।