बेमेतरा। प्रदेश सरकार की फ्लैगशिप योजना नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाडी के क्रियान्वयन साजा विकासखण्ड क्षेत्र में प्रथम फेस में 19 एवं द्वितीय फेस में 30 पंचायतों का चिन्हांकन कर छ.ग. शासन के निर्देशानुसार गौठान निर्माण के साथ-साथ नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी विकास के कार्यो को संपादित कराये जाने के लिए प्रस्तावित किया जाकर कार्य पूर्ण कराया गया। जिला पंचायत सीईओ श्रीमती रीता यादव ने बताया कि शासन के मंशानुरूप ग्राम की अधिक से अधिक लोगों को योजना से जोडऩे के साथ-साथ ग्राम में ही आर्थिक गतिविधियों के संचालन से न केवल स्वयं सहायता समूहों का वरन अन्य ग्रामीणों के रोजगार में वृद्धि की परिकल्पना प्रथम फेस में निर्मित गौठानों मे साकार होते नजर आ रही है । प्रथम फेस के स्वीकृत सभी गौठानों में कार्य पूर्ण कराया जाकर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं एवं गौठान समिति के माध्यम से विभिन्न प्रकार के आर्थिक गतिविधियॉं संचालित हो रही है जिसमें मुख्य रूप से गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन से पशुपालकों के माध्यम से गौठान समिति द्वारा गोबर की खरीदी कर पशु पालकों को सीधे तौर पर आर्थिक लाभ के साथ-साथ, गौठान स्थल में मशरूम उत्पादन, सब्जी उत्पादन, फलोंउद्यान, मत्स्य पालन, मौसमी त्यौहारों हेतु आवश्यक सामाग्री का निर्माण, कोरोना काल में फुडकीट तैयार करना, अगरबत्ती, पेन, कीटनाशक, बैग, तार-जाली, गोबर से विभिन्न प्रकार के उत्पाद निर्माण जैसे:-दीया, लकड़ी, खाद, गमला, आदि। ज्ञातव्य हो कि ग्राम पंचायत ठेलका जनपद पंचायत साजा मुख्यालय से समीपस्थ 8 किमी की दुरी पर स्थित है । यहां पशुओं के प्रबंधन के लिए पारंपरिक तरिके का ही प्रयोग किया जाता रहा। गांव में चारे की समुचित व्यवस्था नही होने के कारण पशु ग्रामीणों की खेती को नुकसान पहुंचाते थे। ठेलका में लगभग माह मार्च-अप्रेल तक खेतों में फसल लहलहाते है। ऐसे में गौठान निर्माण कर गांव के सभी पशुओं को गौठान के भीतर ही सुनियोजित तरिके से रखे जाने से फसल की नुकसानी में कमी आई हैं। गांव में गौठान निर्माण से ग्रामीण अत्यधिक प्रसन्नता महशुस कर रहे। पशुपालन विभाग के सर्वे के अनुसार कुल 675 पशुधन है। जो कि गौठान स्थल पर उपलब्ध होते। यहां पशु चराई की परंपरागत प्रक्रिया के तहत ग्रामीण चरवाहों के माध्यम से पशुओं की चराई की जाती रही है। इसी क्रम में छ.ग.शासन की मंशानुरूप जिला प्रशासन बेमेतरा द्वारा प्रचलित गौठान को आधुनिक रूप से विकसित करने की पहल की गई, जिसमें पशुओं के लिए समुचित पेयजल प्रबंधन के लिए पानी टंकी के निर्माण, छाया व्यवस्था हेतु शेड का निर्माण, पशुओं के लिए ग्रामीण जनो के सहयोग से चारे का संकलन, कोटना का निर्माण किचड आदि के बचाव के लिए भूमि विकास कार्य, सीपीटी निर्माण कार्य, गोबर गैंस संयंत्र, वर्मी शेड, मत्स्य पालन हेतु तालाब निर्माण, पशुशेड, वर्मीतैयारी हेतु शेड, कचरा प्रबंधन शेड आदि का निर्माण कराया गया है। साथ ही साथ ग्राम पंचायत में लगभग 5 एकड़ भूमि में पशुओं लिए चारागाह का विकास ग्राम पंचायत द्वारा कराया गया है । जिसमें मक्का, ज्वार के साथ-साथ नेपियर घास भी रोपित किए गये थें। साथ ही उक्त चारागाह हेतु चिन्हांकित भूमि में ग्राम की स्व-सहायता समूह की महिलाओं के माध्यम से सब्जी-भाजी उत्पाादन कर आर्थिक गतिविधिया संचालित की जा रही हैं। मां शक्ति महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा लगभग 2 एकड़ रकबे में सब्जी की खेती कर एक सीजन में ही लगभग 0.75 लाख रूपये का लाभ प्राप्त किया जा चुका हैं ।
ग्रामोद्योग गतिविधियों को बढ़ावा, 2.50 लाख रुपये का मुनाफा अर्जित
[metaslider id="184930"
Previous Articleव्यापार में दूरी बन सकती है वरदान, सफर से हो सकते हैं सफल
Next Article कुंभ 2021: जमकर उड़ रहीं कोविड गाइडलाइंस की धज्जियां
Related Posts
Add A Comment
chhattisgarhrajya.com
ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
Important Page
© 2025 Chhattisgarhrajya.com. All Rights Reserved.












