कवर्धा। प्रदेश में मुख्यतः अक्षय तृतीया एवं रामनवमी के अवसर पर विवाह किये जाने के प्रचलन है जिसमें बाल विवाह होने की भी संभावनाएं होती है। बाल विवाह पर पूर्णतः रोक लागने हेतु सचिव, छत्तीसगढ़ शासन महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर सुझावात्मक बिन्दु दिये गये थे। जिला कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा के निर्देशन में कोविड-19 गाइडलाईन की कड़ाई से पालन कराने तथा बाल विवाह पर रोक लगाने राजस्व विभाग, पंचायत विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं पुलिस विभाग के दल द्वारा जिले सभी पंचायतो एवं नगरीय क्षेत्रों का सघन भ्रमण कर जानकारी ली गई।
सघन जांच के दौरान ग्राम इंदौरी में एक नबालिक बालक की बेमेतरा निवासी एक बालिका के साथ शादी करने के लिए बारात निकलने तैयारी की सूचना मिली जिस पर हेमन्त पैकरा नायाब तहसीलदार, मुलचंद पाटले थाना प्रभारी पिपारिया और महिला एवं बाल विकास विभाग बाल संरक्षण टीम ने विवाह स्थल जाकर बालक के उम्र संबंधित दस्तावेजों का सूक्ष्म परीक्षण किये जिसमें बालक का उम्र 21 वर्ष कम पाया गया। जिस पर टीम ने तत्काल विवाह स्थिगित कराते हुए बारात निकलने से पहले ही रोक लिया गया इसी दौरान एक और बारात जिला बेमेतरा के लिए निकल जाने की जानकारी प्राप्त हुई जिसमें बालक दस्तावेज अनुसार बालिक था किन्तु टीम को संदेह हुआ की बालिका की उम्र कम हो जिस पर नायाब तहसीलदार के निर्देश पर जिला बेेमेतरा की बाल संरक्षण टीम को विवाह स्थल भेजकर बलिका की उम्र सत्यापन कराया गया जिस में बालिका 18 वर्ष से कम निकली और बाल विवाह रोका गया।
इसी तरह ग्राम घुघरी में दो नबालिक भाईयों की शादी किये जाने की सूचना मिली जिस पर मनीष वर्मा तहसीलदार, पुलिस और महिला एवं बाल विकास विभाग बाल संरक्षण टीम ने विवाह स्थल जाकर दोनों बालक के उम्र संबंधित दस्तावेजों का सूक्ष्म परीक्षण किये जिसमें दोनों बालक का उम्र 21 वर्ष कम पाया गया। जिस पर टीम ने तत्काल विवाह स्थिगित कराया तथा कोंविड-19 के दौरान विवाह आयोजन की अनुमति नहीं लेने के कारण पांच हजार रूपये का जुर्माना भी लयागा गया।













