Saturday, December 13

दन्तेवाड़ा। इस स्लोगन को सच कर दिखाया एकीकृत बाल विकास परियोजना बचेली में सेक्टर भांसी के ग्राम दुगेली की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती मीना तामो व बापी श्रीमती बसंती लेखामी ने। यह कहानी है दुगेली धुरवापारा की गर्भवती महिला श्रीमती शांति कर्मा पति बुधरू कर्मा की। शांति के गर्भावस्था का पता चलते ही कार्यकर्ता द्वारा 15 जून 2020 को आंगनबाड़ी केन्द्र में शांति का नाम पंजीयन किया गया। साथ ही शांति के स्वास्थ्य व पोषण का ध्यान रखा जाने लगा। आंगनबाड़ी केन्द्र में नियमित शांति का स्वास्थ्य जांच किया गया व टी0टी का टीका लगवाया गया। शांति को घर ले जाने हेतु रेडी टु ईट भी नियमित प्रदान किया गया। कार्यकर्ता व बापी के द्वारा नियमित रूप से शांति के घर गृह भेंट दिया जाने लगा। शांति व बुधरू दोनो कृषि मजदुरी करते है व परिवार में उन दोंनो की बड़ी बेटी नन्दनी है जो कि साढ़े चार वर्ष की है इनका एकल परिवार है। अत: कार्यकर्ता एवं बापी के द्वारा शांति का विशेष ध्यान रखा गया। गृहभेंट के दौरान शांति द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा दिन में केवल दो बार भोजन किया जाता है व भोजन में चावल सब्जी या दाल चावल या ईमली झोल व चावल ही खाया जाता है। चूंकि दोनो पति पत्नि मजदुर वर्ग से है अत: घर व गॉव में नि:शुल्क उपलब्ध सामग्रियों के समुचित उपयोग हेतु पांच कार्ययोजना बनाई गई। प्रतिदिन आंगनबाड़ी केन्द्र से प्राप्त रेडी टु ईट सुबह शाम नाश्ता में अवश्य खायें। अपने इच्छा अनुसार अलग- अलग तरीके से कभी सत्तु, रोटी, चीला, हलुआ, गुलगुला आदि रूप में बनाकर खायें। बी0पी0एल कार्डधारी होने पर शासन स्तर से प्राप्त चावल के साथ चना व गुड का समुचित उपयोग करें। अपने भोजन में साबूत दाल, चना, मसूर, झुरगा, मुंग आदि को जरूर शामिल करें व भोजन के साथ एक टुकड़ा गुड़ अवश्य खायें। प्रतिदिन भोजन में एक हरी सब्जी, भाजी जो गांव में आसानी से व नि:शुल्क प्राप्त होती है जैसे-मुनगा भाजी, कुम्हड़ा भाजी, कांदा भाजी, चरोटा भाजी आदि हरे पत्तेदार सब्जियां जरूर खायें। गॉव बाड़ी में होने वाले मौसमी फल आम, अमरूद, केला, पपीता, बेर, तेंदू आदि कोई ना कोई फल प्रतिदिन जरूर खायें। दोपहर में भोजन के बाद एक दो घंटे आराम जरूर करें, भारी वजन ना उठायें। उपरोक्त खाद्य सामग्री में चुकिं ज्यादा पैसे खर्च नहीं होते अत: शांति के पति बुधरू द्वारा भी सहयोग किया गया व कार्यकार्ता व बापी के बातों से बुधरू सहमत होता। दोनों ने जब देखा प्रतिमाह शांति का वजन 2-3 किलो बढ़ रहा है व शांति को किसी तरह की कोई कमजोरी नहीं है तो उनका विश्वास कार्यकर्ता व बापी के प्रति बढऩे लगा इसी तरह नौ माह बीत गया। प्रसव पीड़ा शुरू होने पर शांति को अपोलो अस्पताल बचेली में भर्ती किया गया जहॉ 18 फरवरी 2021 को शांति ने एक बेटे को जन्म दिया। डिलवरी सामान्य हुई व बच्चे का वजन 04 किलो था। शांति व बुधरू इतना स्वस्थ बच्चा पाकर बहुत खुश हुए। अस्पताल में ही बच्चे को तुरंत स्तनपान कराया गया। अस्पताल से घर लौटने के बाद भी कार्यकर्ता व बापी ने पोषक माता शांति व बेटे का लगातार ध्यान रखा शांति के भोजन व बेटे रोहित के केवल स्तनपान पर ध्यान दिया गया। इस दौरान यह भी ध्यान रखा गया की शांति व रोहित किसी प्रकार से संक्रमित न हो। प्रति सप्ताह कार्यकर्ता व बापी द्वारा गृहभेंट किया जाता है व घर पर ही रोहित का वजन लिया जाता है। आज रोहित 03 माह पूर्ण कर चुका है व रोहित का वजन 08किलो है। अविश्वसनीय किंतु सच है 03 माह में ही रोहित का वजन 03किलो बढ़ कर 08 किलो हो चुका है। यह कमाल हमारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती मीना तामो व बापी बसंती लेखामी का है। जिन्होंने साबित कर दिया सही पोषण देश रोशन अपनी सीमित संसाधनों से भी बेहतर स्वास्थ्य हासिल किया जा सकता है। शांति व बुधरू का परिवार आज स्वस्थ है, वे दोनों कार्यकर्ता व बापी का धन्यवाद करते नहीं थकते।

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