गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर माँ भारती की सेवा में तत्पर विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कोरबा के कार्यकर्ताओं द्वारा गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया गया इस तारतम्य में शासकीय ईवीपीजी महाविद्यालय कोरबा में गुरुजनों को श्रीफल एवं सॉल भेंट कर आशीष प्राप्त किया। शा.ई.वि.पी.जी. महाविद्यालय के प्राचार्य श्री आर.के. सक्सेना जी ने गुरु एवं शिष्य के महत्व को प्रतिपादित करते हुए कहा कि गुरु एक शिक्षक से लेकर के सर्व साधारण व्यक्ति तक हो सकता है गुरु का शिष्य के जीवन में एक अहम भूमिका होती है ।गुरु एक दीपक की भांति प्रकाशवान होता है जो अशिक्षा रूपी अंधकार को दूर करके ज्ञान की ज्योति प्रकाशित करके विद्यार्थी जीवन को सर्वोत्तम बनाकर इस भीड़ रुपी संसार में पृथक पहचान लेकर के पथ प्रदर्शक अर्थात मार्गदर्शक का कार्य करते हैं उन्होंने कहा की भले ही आज का युग एक तकनीकी युग है परंतु यथार्थ एक गुरु और एक शिष्य के बीच में संवाद होता है उससे असीमित ज्ञान का प्रकटीकरण होता है जिससे अपनी संस्कार और सभ्यता को समझने परखने का ज्ञान प्राप्त होता है साथ ही उन्होंने कहा कि भारत की इस गुरु शिष्य की परंपरा एक प्रशंसनीय अनुकरणीय संस्कार है जिससे एक आत्मीय प्रेम गुरु और शिष्य के बीच में बनता है जो एक अटूट, सदैव जीवंत रहता है । इसी तारतम्य में विद्यार्थियों को निरंतर आगे बढ़ने एवं सुव्यवस्थित संस्कारित शिक्षा प्राप्त करने की शुभकामनाएं दी। इस कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों का गुरुजनों ने आशीष प्रदान कर स्वस्थ रहने की कामना की। कार्यक्रम में प्रमुक रूप से नगर मंत्री अभिषेक तिवारी, महाविद्यालय प्रमुख सन्नी यादव, कार्यालय मंत्री पंकज पटेल, अभिषेक साहू, अमित पटेल, राहुल निर्मलकर, एवं मोंटी पटेल उपस्थित रहें ।
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