Home » चारागाह में लगाया गया नेपियर और एमपीचेरी घास, फलदार वृक्ष लगाकर वाटिका बनाने की तैयारी
छत्तीसगढ़

चारागाह में लगाया गया नेपियर और एमपीचेरी घास, फलदार वृक्ष लगाकर वाटिका बनाने की तैयारी


अम्बिकापुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना के द्वारा किसानों को समृद्ध बनाने की दिशा में एक अभिनव पहल की जा रही है। राज्य सरकार की इस योजना से स्वयं सहायता समूह की महिलाएं विभिन्न रोजगारमूलक गतिविधियों से जुड रहीं हैं। गरवा घटक के अंतर्गत गोठान बनाकर गौ संरक्षण एवं संवर्धन के साथ ही ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को सशक्त किया जा रहा है। अम्बिकापुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत केशवपुर में 25 एकड़ जमीन में आदर्श गोठान बनाया गया है। यहां गोठान में विकसित किए गए चारागाह में महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों द्वारा कृषि एवं पशु पालन विभाग के सहयोग से नेपियर और एमपीचेरी घास आधुनिक पद्धति से लगाया गया है। पशु चारे के रूप में नेपियर गठान को बेंचकर समूह की महिलाएं आमदनी प्राप्त करेंगी। इसके साथ ही गोठान में फलदार पौधों का रोपण कर वाटिका के रूप में विकसित किया जा रहा है। आने वाले समय में वाटिका से फल के उत्पादन होगी जिसे बेच कर महिलाएं मुनाफा कमाएंगी। केशवपुर गौठान में महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों द्वारा आधुनिक पद्धति से विभिन्न प्रकार के बहुद्देश्यीय कार्य किये जा रहे हैं। महिलाओं के द्वारा अगरबत्ती तथा गोबर का दिया बनाकर बिक्री किया जा रहा है। इसके साथ ही महिलाओं के द्वारा कैंटीन खोलकर अपनी आय में वृद्धि की जा रही है। देवी स्व सहायता समूह केशवपुर की महिलाओं के द्वारा गोठान में नेपियर घास, एमपीचेरी घास, ज्वार तथा गेंदाफूल की बुआई की गई है। गोठान के वृहत् क्षेत्र में फलदार पौधे आम, अमरूद, लीची, पपीता, करौंदा तथा मुनगा का वृक्ष लगाया गया है। इसके साथ ही खाली जगह में मक्का, बैंगन, टमाटर, मिर्ची, लौकी, तरोई, बरबटी, कद्दू के साथ हल्दी, शकरकन्द, सूर्यमुखी का उत्पादन किया जा रहा है। गोठान में ही वर्मीकम्पोस्ट, घनाजीवा खाद (बेसन गुड़ और गौमूत्र को मिलाकर) बनाया जा रहा है। इसके अलावा उनके द्वारा भविष्य में मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन तथा बटेर पालन करने की कार्ययोजना है। स्व-सहायता समूह की महिलाएं व्यवसाय मूलक कार्यों से जुड़कर खुश हैं। गौठान से जुड़े समूह को सब्जी-भाजी के साथ मशरूम से अतिरिक्त आमदनी के साधन मिलेंगे। जिले के गोठानों में आय आधारित गतिविधियां जोर पकड़ते जा रहा है। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के प्रोत्साहन से ग्रामीण विभिन्न आर्थिक गतिविधियों से जुड़कर अपनी आमदनी बढ़ाते जा रहें हैं। इन गौठानों से जुड़े महिला स्व-सहायता समूह खेती किसानी से संबंधित विभिन्न गतिविधियां प्रारंभ कर आर्थिक रूप से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। देवी स्वसहायता समूह की सचिव श्रीमती आरती यादव ने कहा कि हम सभी महिलायें गोठान में कार्य करके बहुत खुद हैं। समिति की अध्यक्ष श्रीमती अनिता यादव ने बताया कि हम गोठान में कार्य करके हम नये-नये रोजगारमूलक कार्य सिख रहे हैं। नई चीजें सीखकर उसे हम आर्थिक आय का साधन बना सकते हैं। कलेक्टर संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुलदीप शर्मा के नेतृत्व में नरवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी योजना के तहत जिले में अनेक रोजगारमूलक गतिविधियों संचालित की जा रही हैं। इन गतिविधियों से जुडकर स्व सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक रूप सशक्त हो रही हैं।

About the author

NEWSDESK

Advertisement

Advertisement