

रायपुर। कांग्रेस पार्टी के जनघोषणा पत्र में शामिल स्वास्थ्य कर्मियों (स्वास्थ्य संयोजकों) की मांगों को पूरा कराने प्रदेशभर के हजारों नियमित स्वास्थ्य संयोजक, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, एवं खण्ड विस्तार प्रशिक्षण अधिकारी राजधानी में अनिश्चितकालीन आंदोलन में आकर अपनी आवाज बुलंद कर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष टारजन गुप्ता ने बताया कि विभाग में अपने ही समकक्ष कैडर की तुलना में वेतनमान बहुत कम है, जिस विसंगति को दूर करने एवं अपने 6 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश के हजारों स्वास्थ्य कर्मियों ने अनिश्चितकालीन आंदोलन का आगाज कर दिया है। ज्ञात हो कि स्वास्थ्य संयोजकों के लिए कोरोना संकट काल में अतुलनीय योगदान के लिए अनेक घोषणाएं हुई लेकिन किसी भी प्रकार का अमल विभाग में आज तक नहीं लाया गया है। स्वास्थ्य संयोजकों के हड़ताल में रहने से प्रदेश के उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होगी जिसमें सामान्य ओपीडी, प्रसव, नियमित टीकाकरण, कोविड टीकाकरण, टीबी, कुष्ठ, मलेरिया नियंत्रण के साथ-साथ वर्तमान में शिशु संरक्षण माह जैसे समस्त 28 कार्यक्रम एवं राज्य सरकार की 16 स्वास्थ्य संबंधी योजनाएं प्रभावित होंगी। स्वास्थ्य संयोजकों की 6 सूत्रीय मांगों में सर्वप्रथम समान शैक्षणिक योग्यता एवं प्रशिक्षण अवधि के आधार पर एवं विभागीय प्रस्ताव अनुरूप ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों का वेतनमान समतुल्य करते हुए वेतनमान 5200-20200 व ग्रेड पे 2800 किया जाये। ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों का मनोबल बढ़ाने हेतु पदनाम परिवर्तित कर ग्रामीण सहायक स्वास्थ्य अधिकारी किया जाये। प्रदेश के समस्त उप स्वास्थ्य केन्द्र/हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर में कलेक्टर दर पर एक वार्ड आया/सफाई की नियुक्ति किया जाये। आनलाइन डाटा एंट्री के कार्य हेतु अलग से प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि 5000 रुपये निर्धारित किया जाये। अतिरिक्त मानदेय निर्धारित नहीं किये जाने की स्थिति में प्रशिक्षित पीडीए के माध्यम से आनलाइन डाटा एंट्री का कार्य लिया जाये। हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर में पदस्थ सीएचओ के इंसेंटिव आधार पर स्वास्थ्य संयोजकों के मासिक इंसेंटिव में वृद्धि किया जाये। विगत कोरोना काल में सेवाएं देने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष कोरोना भत्ता प्रदान किया जाये जैसें मांगें शामिल है।