वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व है. हर कार्य और वस्तु की एक निश्चित दिशा भी तय की गई है. लेकिन अमूमन ज्यादातर लोग अनजाने में ऐसी गलतियां करते हैं जैसे देर तक सोना, बाथरूम गंदा छोड़ देना, जूते चप्पलों से किचन में आना, बिस्तर पर बैठकर भोजन करना आदि. यहीं गंदी आदतें हमारे जीवन पर भी बुरा असर डालती हैं. भोजन ग्रहण करने के लिए आजकल हम कुर्सी टेबल का भी उपयोग करते हैं. इस दौरान दिशा का भी ख्याल नहीं रखा जाता है. यही कारण होते हैं जो घर में दरिद्रता को निमंत्रण देते हैं.
भोजन ग्रहण करने के नियम
वास्तु शास्त्र के अनुसार बिस्तर पर बैठकर भोजन नहीं चाहिए. क्योंकि इससे मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं. घर में अशांति फैलती और परिवार वालों पर कर्ज चढ़ता है. याद रहे कि अगर आप नीचे या डाइनिगं टेबल पर भोजन ग्रहण कर रहे हैं तो खाने की थाली बैठने के स्थान से ऊपर हो.इससे घर में कभी भी धन की कमी नहीं होगी.
भोजन करने की सही दिशा
1- खाना खाते समय मुख पूर्व या उत्तर पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए.इससे व्यक्ति को भोजन की उचित ऊर्जा मिलती है.बीमारियों दूर होती हैं.
2- टूटे या गंदे बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए,इससे दुर्भाग्य ब?ता है. साथ ही जीवन में परेशानियों का सामना करना प?ता है.
3- वास्तु शास्त्र में कहा जाता है कि हाथ-पैर और मुंह धोकर भोजन करने से व्यक्ति की आयु बढ़ती है.
4- अगर आप डाइनिंग टेबल पर खाना खाते हैं तो बार-बार पैरों को न हिलाएं, साथ ही थाली को हाथ में उठाकर भोजन करना भी अशुभ होता है.
5 – कहा जाता है कि दक्षिण दिशा में यम का वास होता है,लिहाजा इस दिशा में भोजन करने से सेहत पर बुरा असर होता है.













