बीजापुर। नक्सली हमले में शहीद जवान को नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। शहीद जवान जितेंद्र बागड़े का पार्थिव शरीर उनके गृह ग्राम मांझीगुड़ा लाया गया। शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी गई और उसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान विधायक और बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी, उप महानिरीक्षक केरिपु (ऑप्स) कोमल सिंह, बीजापुर कलेक्टर रितेश अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक बीजापुर कमलोचन कश्यप, केरिपु कमांडेट 222 बटालियन पी कुजुर, कमांडेंट 168 बटालियन विनय कुमार चौधरी, कमांडेंट 170 बटालियन आलोक भटटाचार्य, सीएएफ कमांडेंट 15वीं बटालियन सुरजीत कुमार और भाजपा जिला श्रीनिवास मुदलियार सहित अन्य आला अधिकारी, जनप्रतिनिधि और ग्रामीण शामिल थे।
आपको बता दें कि सोमवार शाम शहीद की पार्थिव देह नारायणपुर लाया गया। इसके बाद शहीद जवान को पुलिस परेड ग्राउंड में श्रद्धांजलि के बाद जवान को सलामी दी गई, जिसके बाद शहीद की पार्थिव देह को हेलीकॉप्टर से बीजापुर के लिए रवाना किया गया। 100 से ज्यादा नक्सलियों ने किया था हमला शहीदी सप्ताह के एक दिन पहले ही नक्सलियों ने कड़ेमेटा सीएएफ कैंप पर सुबह 8.30 बजे हमला बोला था। ग्रामीणों की माने तो 100 से ज्यादा नक्सली इस हमले में शामिल थे, इस दौरान करीब दो घंटे तक मुठभेड़ चली, जिसमें मोर्चा संभालते हुए जवानों ने भी मुहतोड़ जवाब दिया। जिसके बाद जवानों को भारी पड़ता देख जंगलों की आड़ लेकर नक्सली भाग खड़े हुए। कैंप में अचानक हुए हमले में मोर्चे में तैनात जवान जितेंद्र बागड़े के सिर पर गोली लगने से शहीद हो गए थे। सीएएफ का यह कैंप दंतेवाड़ा और नारायणपुर छोटे डोंगर थाना क्षेत्र के बीच घनघोर जंगल में बारसूर पल्ली मार्ग पर स्थित है। शहीद जवान जितेंद्र की शादी नही हुई थी उसके परिवार में उसकी चार बड़ी बहने है जिनकी शादी हो चुकी है, व पिता पीडब्ल्यूडी में कार्यरत थे जिनकी एक साल पहले मृत्यु हुई और माता का निधन भी काफी साल पहले हो चुका है।