Home » राज्य सरकार की अभिनव पहल : बैगलेस डे से बच्चों में छुपी प्रतिभा निखर कर सामने आ रही है
Breaking छत्तीसगढ़ राज्यों से

राज्य सरकार की अभिनव पहल : बैगलेस डे से बच्चों में छुपी प्रतिभा निखर कर सामने आ रही है

सफलता की कहानी

प्रति शनिवार को स्कूलों में बच्चे बिना बैग के जाते है
गरियाबंद. छत्तीसगढ़ सरकार की अभिनव योजना बैगलेस डे (बस्ता रहित दिवस) शनिवार को रहता है। शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक शनिवार को विद्यालय में बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु बैकलेस डे में अलग-अलग क्रियाकलाप किया जाता है। बैकलेस डे की इसी कड़ी में गरियाबंद जिला छूरा ब्लॉक के संकुल केंद्र अतरमरा मे सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला अतरमरा,  दिवना, रजनकट्टा, कुरुद, खट्टी, कुम्हरमरा मे बस्ता रहित दिवस पर गतिविधि किया जाता है। बैकलेस डे शासन की महत्वकांक्षी योजना है। इस योजना के क्रियान्वयन में जिला शिक्षा अधिकारी डीएस चौहान जी,जिला मिशन समन्वयक श्याम चंद्राकर जी के कुशल मार्गदर्शन में अतरमरा संकुल प्रभारी प्राचार्य बी देवांगन तथा संकुल समन्वयक विनोद सिन्हा के कुशल नेतृत्व में विभिन्न प्रकार के खेलकूद, शैक्षणिक, बौद्धिक गतिविधियां हो रही है। बस्ता रहित दिवस में प्रत्येक शनिवार को समय सारणी के अनुसार अलग-अलग गतिविधियां जैसे खेलकूद प्रतियोगिता, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता, वाद-विवाद, रंगोली,चित्रकारी,नाटक, कहानी, व्यायाम प्रदर्शनी, स्वच्छता संबंधित क्रियाकलाप,नृत्य, एफएलएन पर गतिविधि एवं विभिन्न प्रकार के गतिविधियों  का आयोजन किया जाता है। संकुल मे पदस्थ  सभी ऊर्जावान शिक्षकों के द्वारा  के द्वारा प्रत्येक शनिवार को व्यायाम प्रदर्शन के साथ आकर्षक झांकी और म्यूजिक के साथ योगा नृत्य करते हैं। जिससे प्रेरित होकर बच्चे भी  म्यूजिक के साथ योगा डांस करते हैं। शासन के इस अभिनव योजना का असर यहां के बच्चों में साफ साफ दिखाई देता है। बच्चे खेल कूद व अन्य गतिविधियों में  हमेशा आगे रहते हैं। बस्ता रहित दिवस के आकर्षक गतिविधियों के कारण अन्य शैक्षणिक दिवस के अपेक्षा शनिवार को बच्चों की उपस्थिति शाला में शत प्रतिशत रहता है। सभी इस मस्ती की पाठशाला मे खूब झूमते हैं। बस्ता रहित दिवस को सफल बनाने में शाला प्रबंधन समिति के सदस्य,पालक गन, जनप्रतिनिधियों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। शनिवार को समुदाय की सक्रिय सहभागिता विद्यालय में  देखने को मिलता है। तथा पालकों के द्वारा आवश्यक सुझाव भी प्राप्त होता है। एक दिन पूर्व होता है रूपरेखा तैयार बस्ता रहित दिवस को सफल बनाने के लिए 1 दिन पूर्व अर्थात शुक्रवार को ही आगामी दिवस की कार्य योजना बच्चों को बताई जाती है। ताकि बच्चे आवश्यक तैयारी के साथ विद्यालय में अपनी उपस्थिति प्रदान कर सके। शासकीय प्राथमिक शाला दीवना अपने विभिन्न शैक्षणिक कार्य चाहे किचन गार्डन हो या विभिन्न गतिविधियां हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। इसी तरह बस्ता रहित दिवस में विभिन्न कार्य किए हैं जैसे पर्यावरण संबंधी कार्य, अपने आसपास की साफ-सफाई के अलावा समुदाय के साथ वृक्षारोपण का भी कार्य, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता, खेल खेल में शिक्षा जैसे शतरंज, लूडो, कैरम, रस्सी दौड़ आदि खेल कर अपना बौद्धिक और मानसिक विकास करते हैं। दैनिक अखबार पठन, जिससे उन्हें सभी प्रकार के देश-विदेश और आसपास की खबरों की जानकारी हो जाती है। वास्तव में सरकार की बस्ता रहित दिवस बहुत ही अच्छी पहल है। सभी बच्चे शनिवार को अपने मानसिक संतुलन स्थापित करते हैं। सरकार की इस योजना का परिणाम प्राथमिक शाला दीवना में  बहुत ही अच्छा साबित हो रहा है।

Advertisement

Advertisement