पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यदि नीतीश कुमार में हिम्मत है तो पटना आते ही संत धीरेंद्र शास्री को गिरफ्तार करें, बजरंग दल पर प्रतिबंध लगायें और रामनवमी पर हुए हिंसक उपद्रव की न्यायिक जांच के लिए आयोग गठित करें।
मोदी ने कहा कि बाबा बागेश्वर धाम को बिहार में घुसने न देने की धमकी, बजरंग दल पर प्रतिबंध की मांग, श्रीरामचरित मानस की निंदा, राम मंदिर का विरोध, सासाराम-बिहार शरीफ में पथराव-बमबाजी से पीड़ित अनेक राम भक्तों को ही दंगाई घोषित कर एकतरफा कार्रवाई करना और ब्राह्मणों को विदेशी बताना यह साबित करता है कि महागठबंधन सरकार वोट बैंक के लिए पूरी तरह हिंदू विरोधी हो गई है। क्या यही आपकी ‘धर्मनिरपेक्षता’ है?
उन्होंने कहा कि जो लोग कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा नौ महीने बाद भी पूरा नहीं कर पाए, वे असल मुद्दे से ध्यान भटकाए रखने के लिए हिंदुओं को टार्गेट कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि क्या लालू-नीतीश ने तय कर लिया है कि इन्हें हिंदुओं का एक भी वोट नहीं चाहिए? उन्होंने कहा कि जो लोग आतंकी संगठन पीएफआई की गतिविधियों और ‘ देश को कर्बला बना देने” जैसे बयान पर चुपी साधे रहे, उन्हें बजरंग दल पर बोलने का कोई हक नहीं है।
मोदी ने कहा कि कर्नाटक की पिछली कांग्रेस सरकार ने हिंसा, लूटपाट और दंगे से जुड़े 1600 मुकदमे वापस लेकर राज्य में पीएफआई की जड़ें मजबूत की थीं। यही कांग्रेस आज बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का इरादा रखती है और बिहार में उसके मित्र एक वर्ग को खुश करने के लिए यही मांग दोहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सासाराम में पांच बार के विधायक और कुशवाहा समाज के सम्मानित नेता जवाहर प्रसाद रामनवमी पर शांति बनाये रखने के लिए सक्रिय रहे, लेकिन नीतीश सरकार ने उन्हें ही एक महीने बाद दंगाई घोषित कर गिरफ्तार करा दिया।