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7 जुलाई को राज्यव्यापी ऐतिहासिक हड़ताल में सहयोगी रहेंगे राज्य के पेंशनर्स

भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामन्त्री एवं छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को स्मरण कराया है कि कांग्रेस के शीर्ष नेता पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने एक ट्वीट में कर्मचारियों एवं पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ता व महंगाई राहत के आदेश जारी करने की केन्द्र सरकार के विलम्ब पर मांग करते हुए इसे लूट और अपराध की संज्ञा दे चुके है। फिर क्यों? छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार पिछले कई वर्षो से छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारियों व पेंशनरो के साथ लूट और अपराध कर रही है। राज्य सरकार के इस उपेक्षात्मक रवैये से प्रदेश के सारे मान्यता और गैर मान्यता प्राप्त सभी कर्मचारी अधिकारी संगठन पहली बार एकजुट होकर 5 सूत्रीय मांगों की पूर्ति हेतु आगामी 7 जुलाई को एक दिवसीय हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. प्रदेश में पहली बार स्वस्फुर्त सारे स्कूल, अस्पताल, सारे निगम, मण्डल विभाग के कार्यालय बन्द होंगे. छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद सबसे बड़ा एतिहासिक आंदोलन को राज्य के सभी पेंशनर्स संगठनो ने भी समर्थन और सहयोग करने का निर्णय लिया है. जारी विज्ञप्ति उन्होंने आगे बताया गया है कि मुख्यमंत्री ने खुद विधानसभा में कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य की वित्तीय स्थिति अन्य राज्यों से बेहतर है कुछ राज्य झारखंड, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात और हरियाणा का नाम लेकर उन्हें छत्तीसगढ़ से अधिक कर्ज लेने वाला राज्य बताया है परन्तु उन्हें यह भी बताना चाहिए कि जिन राज्यों का उन्होंने नाम लिया है उन सभी राज्यों ने अपने राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरो को केन्द्र के बराबर केन्द्र के देय तिथि से पूरा महंगाई राहत के आदेश दिये हैं,आप इस मामले पर क्यों चुप क्यों हैं,हर बार आप और राज्य के जिम्मेदार अधिकारी गण राज्य की वित्तीय हालत का हवाला देकर चुप्पी साध लेते हैं और हर बार एरियर हजम कर कर्मचरियों और पेंशनरों को लगातार आर्थिक हानि पहुचाते आ रहें हैं। जारी विज्ञप्ति में आगे बताया है कि देश में छत्तीसगढ़ अकेला राज्य है जहाँ केवल 33 प्रतिशत महंगाई भत्ता/महंगाई राहत मिल रहा है जबकि देश में केन्द्र व लगभग सभी राज्यों में 42 प्रतिशत मिल रहा है तथा मिली जानकारी अनुसार अब केन्द्र द्वारा इसी माह जुलाई 23 से और 4 प्रतिशत किस्त देने आदेश करने जा रहा है इस तरह अब छत्तीसगढ़ के कर्मचारी और पेंशनर्स केन्द्र से 13 प्रतिशत पीछे होने जा रहा है जो सहनशीलता की परिकाष्ठा है परंतु छत्तीसगढ़ में ब्यूरोक्रेसी वित्तीय संकट होने की बात कहकर केन्द्र के समान महंगाई भत्ता देने से सरकार को रोकते आ रही हैं और खुद राज्य सरकार की बजट से केन्द्र के बराबर महंगाई भत्ता लेकर मौज कर रहे हैं. जारी विज्ञप्ति में आरोप लगाया है कि ब्यूरोक्रेसी के द्वारा शायद जानबूझकर कोई रणनीति के तहत वित्तीय संकट का हौवा खड़ा कर राज्य सेवा के अधिकारियों, कर्मचारियों व पेंशनरों को केन्द्र के समान महंगाई भत्ता एवं अन्य जरूरी भत्ते के लाभ लेने वंचित रखने का काम कर रहे हैं,जिसके कारण राज्य सेवा के अधिकारियों कर्मचारियों व पेंशनरों में भूपेश सरकार के प्रति चुनाव के पहले नकारात्मक भावना उत्पन्न हो रही है मुख्यमन्त्री को सावधान रहने ब्यूरोक्रेट के झांसे न आने का सलाह देते हुए डी ए/ डी आर का तुरन्त आदेश जारी करने की मांग की है. अन्यथा विधान सभा चुनाव में नुकसान उठाने के लिए तैयार रहने को कहा गया है. जारी सँयुक्त विज्ञप्ति में छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन के संयोजक वीरेन्द्र नामदेव, छत्तीसगढ़ प्रगतिशील पेंशनर कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष आरपी शर्मा, छत्तीसगढ़ पेंशनधारी कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ. डीपी मनहर, भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष जे पी मिश्रा, पेंशनर्स एसोशियेशन छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष यशवंत देवान तथा पेंशनर्स समाज छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष ओ पी भट्ट ने प्रदेश के पेंशनरों व परिवार पेंशनरों से आव्हान किया है कि प्रदेश में आगामी 7 जुलाई होने वाले एक दिवसीय हड़ताल को पूरा सहयोग- समर्थन करे और उनके आंदोलन के सभा रैली आदि में शामिल होकर साथ दें.

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