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कोरोना काल में सेवा देते शहीद कर्मचारियों के परिवार को आज भी है न्याय की दरकार

कोरोनाकाल में हमारे सैकड़ों संविदा कर्मचारियों ने सेवा करते जान गवाई, इनके परिवार आज भी न्याय के इंतजार में, उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे-कौशलेश तिवारी

रायपुर. कोराेना काल में जब कोई भी सामने नहीं आ रहा था उस संकट के दौर में भी हमारे संविदा कर्मचारियों ने प्रदेश की नब्ज थामी थी । एक ओर स्वास्थ्य विभाग में संविदा में कार्यरत तमाम संविदा कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर अपना कर्म किया वहीं पंचायत विभाग में कार्यरत मनरेगा कर्मचारियों ने गांव में रोजगार देने के लिए लगे थे। कांटेक्ट ट्रेसिंग में अन्य सभी संविदा कर्मचारी की ड्यूटी भी लगी। इस दौरान सैकड़ों साथियों ने जान गवाई। महासंघ के प्रांताध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि इन संविदा कर्मचारियों के समर्पण , त्याग और बलिदान का भी सम्मान नहीं मिला। राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना काल में बेहतर काम के लिए सरकार ने जरूर वाह वाही बटोर ली। कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सिन्हा ने बताया कि कोरोना काल में सेवा देते शहीद कर्मचारियों के परिवार को आज भी न्याय की दरकार है। किसी भी प्रकार का सम्मानजनक न अनुदान दिया गया और न ही परिवार को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की गई है। हम उन साथियों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे। महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक कुर्रे का कहना है कि ग्रामीण मजदूरों को गांव में काम देने के लिए हमारे 100 से अधिक रोजगार सहायक साथी बलिदान हुए। उनका परिवार आज भी न्याय की आश लगाए हुए हैं।

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