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होलाष्टक में क्यों नहीं होते शुभ काम ओर क्यों अशुभ है ये 8 दिन?

फाल्गुन अष्टमी से होलिका दहन तक 8 दिनों तक होलाष्टक के चलते इन 8 दिनों में शुभ कार्य नहीं किए जाते किन्तु देवी-देवताओं की आराधना के लिए श्रेष्ठ माने जाते हैं. इन 8 दिनों के मध्य विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, मकान, जमीन, वाहन क्रय एवं विक्रय आदि निषेध माने गए हैं. होलाष्टक होलिका दहन से 8 दिन पहले से लग जाता है. इस बार होलाष्टक 17 मार्च से 24 मार्च तक लगेगा. फाल्गुन अष्टमी से होलिका दहन तक आठ दिनों तक होलाष्टक के चलते मांगलिक और शुभ कार्यों पर प्रतिबंध लग जाता है. धार्मिक मान्यता है कि होलाष्टक में वरदान भी बेकार साबित हो जाते हैं. आखिर क्यों होलाष्टक के 8 दिन होते हैं अशुभ?

1. ग्रहों की स्थिति:
होलाष्टक में सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि और राहु ग्रहों की स्थिति अशुभ मानी जाती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन ग्रहों की युति नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करती है, जो शुभ कार्यों के लिए बाधक हो सकती है।

2. भगवान प्रह्लाद की कथा:
होलाष्टक भगवान प्रह्लाद की कथा से जुड़ा है।
कहा जाता है कि होलिका दहन से 8 दिन पहले ही हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने के कई प्रयास किए थे।
इन 8 दिनों को अशुभ माना जाता है क्योंकि इनमें भक्त प्रह्लाद पर अत्याचार हुए थे।

3. नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव:
होलाष्टक में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है।
माना जाता है कि इस दौरान बुरी आत्माएं सक्रिय हो जाती हैं और शुभ कार्यों में बाधा डाल सकती हैं।

4. धार्मिक अनुष्ठानों का महत्व:
होलाष्टक धार्मिक अनुष्ठानों और आध्यात्मिकता पर ध्यान केंद्रित करने का समय माना जाता है।
इस दौरान, लोग उपवास, दान, पूजा-पाठ और भजन-कीर्तन करते हैं।

5. सामाजिक मान्यता:
सामाजिक मान्यता के अनुसार, होलाष्टक में किए गए शुभ कार्य अशुभ फल देते हैं।
लोग इस दौरान कोई भी नया काम शुरू नहीं करते हैं।

8 दिन क्यों अशुभ:
होलाष्टक में 8 दिन इसलिए होते हैं क्योंकि चंद्रमा एक राशि में 2.25 दिन रहता है।
चंद्रमा 8 राशियों में भ्रमण करता है, इसलिए होलाष्टक 8 दिनों का होता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि होलाष्टक एक अंधविश्वास भी हो सकता है। यदि आप इन मान्यताओं पर विश्वास नहीं करते हैं, तो आप होलाष्टक में शुभ कार्य कर सकते हैं।

यह भी ध्यान रखें:
होलाष्टक में कुछ शुभ कार्य किए जा सकते हैं, जैसे कि विवाह, गृह प्रवेश, और मुंडन।
यदि आप होलाष्टक में कोई शुभ कार्य करना चाहते हैं, तो ज्योतिषी से सलाह लेना उचित होगा।

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