ईश्वर ने शरीर के इंसान में कुछ अंग दो दिए दिए हैं। अगर इनमें से एक खराब भी हो जाए तो दूसरे के सहारे व्यक्ति जिंदा रह सकता है। ऐसे ही अंगों में से एक अंग है इंसान की किडनी। अगर किसी व्यक्ति की एक किडनी खराब भी हो जाए तो दूसरी किडऩी के सहारे वह जिंदा रह सकता है। वहीं दुनिया में एक ऐसा गांव भी है, जहां रहने वाले ज्यादातर लोगों के एक ही किडनी है। इसे एक किडनी वाला गांव भी कहा जाता है। यहां एक दो नहीं बल्कि सैंकड़ों लोग ऐसे हैं, जो एक किडनी के सहारे ही जी रहे हैं।
एक किडनी वाला गांव
यह अनोखा गांव अफगानिस्तान के हेरात शहर के पास मौजद है और इसका नाम शेनशायबा बाजार है। इस गांव को ‘एक किडनी वाले गांव’ के नाम से भी जाना जाता है। यहां रहने वाले ज्यादातर लोग सिर्फ एक किडनी पर जिंदा हैं। ऐसा नहीं है कि जन्म से ही इनके एक ही किडनी है। इनमें से ज्यादातर लोगों ने अपनी एक किडनी बेच दी है।
इस वजह से बेचनी पड़ी लोगों को किडनी
दरअसल, अफगानिस्तान के इस गांव में गरीबी बहुत ज्यादा है। ऐसे में यहां के लोगों को अपने खाने की प्लेट और शरीर के अंगों में से किसी एक को चुनना होता है। अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद यहां के हालात बद से बदतर हो गए हैं।ऐसे में यहां के लोगों ने अपने परिवार का पेट भरने के लिए शरीर के अंग बेचने शुरू कर दिए। इसी वजह से इस गांव के ज्यादातर लोग अपनी किडनी बेच चुके हैं। किडनी बेचने से मिले पैसों से उन्होंने अपने कर्जे चुकाए और परिवार के खाने का इंतजाम किया। ब्लैक मार्केट में किडनी बेचना यहां के लोगों के लिए आम बात हो चुकी है।
एक किडनी के मिलते हैं 250,000 अफगानी मुद्रा
रिपोर्ट के अनुसार, इस गांव के ज्यादातर पुरुष और महिलाएं अपनी किडनी बेच चुके हैं। यहां अगर डोनर लिखित में अपनी किडनी निकालने की इजाजत देता है तो किडनी निकालने में कोई गुरेज नहीं होता। रिपोर्ट के अनुसार, एक किडनी लगभग 2 लाख 21 हजार रुपए यानि 250,000 अफगानी मुद्रा में बिकती है। वहीं जिन लोगों ने किडनी बेची है, उनमें से ज्यादातर लोगों का कहना है कि उन्हें कभी-कभार पछतावा होता है क्योंकि वे अब ज्यादा काम नहीं कर सकते और दर्द भी होता है।