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रीपा में उद्यमी बन रहीं बस्तर की महिलाएं

रीपा

महिलाएं कोकून से रेशम धागा तैयार कर अर्जित कर रही हैं अच्छी आमदनी

रायपुर.

रीपा

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए शुरू की गई रीपा यानी कि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में महिलाओं को अच्छा एक्सपोजर मिल रहा है। उन्हें यहां कई तरीके की आर्थिक गतिविधियों से जोड़ा गया है। बस्तर जिले की महिलाएं भी सफल उद्यमी होने का गुर सीख रही हैं।
उल्लेखनीय है कि बस्तर के तुरेनार में बना यह पूरे देश का पहला ग्रामीण औद्योगिक पार्क है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पहले चरण में प्रदेश के सभी विकासखण्डों में दो-दो ग्रामीण औद्योगिक पार्क तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें तुरेनार में प्रदेश का सबसे पहला रीपा बनकर तैयार हो गया है, जो प्रदेश का सबसे बड़ा रीपा भी है।
बस्तर के तुरेनार में 5 एकड़ में ग्रामीण औद्योगिक पार्क ‘रीपा‘ की स्थापना की गई है। जहां महिलाएं सफल उद्यमी बनने की राह पर निकल पड़ी हैं। वहां रेशम धागाकरण समिति की महिलाओं ने कोकून से रेशम धागा तैयार करने का काम शुरू किया है। ये महिलाएं घर का काम-काज निपटाकर रीपा आती हैं और धागा बनाने के काम में जुट जाती हैं। इन महिलाओं द्वारा तैयार किए गए धागा को ग्रामोद्योग विभाग द्वारा खरीद लिया जाता है। इससे महिलाओं को घर के खर्चों के लिए अतिरिक्त आमदनी मिल रही है।
इन महिलाओं ने बताया कि रेशन धागा तैयार करने से उन्होंने अब तक 40 हजार 243 रुपए की कमाई की है। इन महिलाओं ने 17 किलो 540 ग्राम रेशम धागा 2300 रुपए किलो की दर से बेचा है, इसके साथ ही बुनियादी धागा 6000 रुपए की दर से तय किया गया। अपनी पहली कमाई से महिलाएं काफी खुश नजर हैं और दोगुने उत्साह से काम कर रही हैं। इस सेंटर में काम करने वाली गायत्री कहती हैं कि उन्हें रीपा में काम करके अच्छा लग रहा है। उन्हें कुछ नया करने का मौका मिला ये अच्छी बात है। गांव में ही काम मिल रहा है।

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