हिंदू धर्म में नारियल को बहुत महत्व पूर्ण माना गया है। सनातन धर्म में नारियल का प्रयोग कोई भी शूभ कार्य के लिए उपयोग में लाया जात है। नारियल का प्रयोग गृह प्रवेश, विवाह पूजा पाठ इत्यादि अन्य शुभ कार्यों में कलश पर नारियल रखा जाता है। हिंदू धर्म में कोई भी नया कार्य शूरू करने से पहले नीरियल को फोड़ाना पवित्र माना जाता है। हिंदू धर्म में नारियल को बहुत ही पवित्र माना जाता है क्योंकि नारियल अत्यधिक ऊंचाई पर पर फलने वाला फल है, इसकी ऊपरी सतह काफी सख्त होता जिसकारण कोई भी पशू या पक्षी इस फल को झुठा नहीं कर पाता है जिसके कारण इस फल को पवित्र माना जाता है। चाहिए नारियल नारियल का उपयोग पूजा अनुष्ठान में किया जाता है। आपने अक्सर देखा होगा की नारियल को केवल पुरुष ही फोड़ते है, बहुत कम ही महिलाओं को नारियल फोड़ते हुए देखा होगा। लेकिन आपको पता होना चाहिए की महिलाएं नारियल नहीं फोड़ता है क्योंकि नारियल को परंपरागत रूप से सृष्टि के सृजन का बीज माना जाता है, नारियल के बीज को प्रजन्न से जोड़कर देखा जाता। महिलाओं को भगवान ने संतान को जन्म देने यानी महिलाओ को उतपत्ती का कारक माना जाता है। नारियल फोडऩा एक बलि देने जैसा प्रतिक माना जाता है इसलिए कभी भी महिलाओं को नारियल नहीं फोडऩा चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई हिंदू धर्म में कोई नया वाहन या व्यपार आदि शुरू करता है तो नारियल फोड़कर शूभ आरंभ किया जाता है। दरअसल नारियल जब फोड़ते है तो उसके अंदर का पानी चारों तरफ फैल जाता है जिससे सभी नाकारात्मक उर्जा समाप्त हो जाती है। इसलिए नारियल का प्रयोग शूभ कार्य में किया जाता है। इसके अलावा भी व्यक्ति नारियल का प्रयोग मनोकामना पूर्ति हेतू मंदीर में नारियल फोड़ते है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान श्री हरि विष्णु जी ने पृथ्वी पर अवतार लिया था तो वो तीन चिजों को अपने साथ लाए, लक्ष्मी, कामधेनु और नारियल का पेड़, इसलिए नारियल के पेड़ को कल्पवृक्ष का पेड़ भी कहा जाता है। नारियल में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का वास होता है। आपको बता दें की नारियल पर बने तीन बिंदु देवो के देव महादेव का नेत्र का प्रतीक माना जाता है। नरियल को श्री फल भी कहा जाता है क्योंकि श्री का अर्थ होता है लक्ष्मी और माता लक्ष्मी को नारियल अतयंत प्रिय है। अगर आप देवी-देवताओं को श्रीफल यानी नारियल का फल चढ़ाते है तो आपको घर में कभी भी धन की कमी नहीं रहेगी।
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