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अपनी मांगों के लिए 87 हजार रसोईया का आज राजधानी में प्रदर्शन

मध्यान्न भोजन रसोइया महासंघ के अध्यक्ष नीलू ओगरे ने कहा कि प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (मिड-डे मील योजना) अंतर्गत छत्तीसगढ़ प्रदेश 33 जिलों के 146 विकासखंडों में संचालित 45610 शालाओं में अध्ययनरत 2993170 के लिए 87026 रसोइया भोजन बनाने हेतु नियोजित किया गया है| रसोइया एवं रसोइया सह सहायिका का मानदेय वर्तमान में 1500/- प्रतिमाह है| प्रत्येक वित्तीय वर्ष में केवल 10 माह के लिए ही देय होता है|यह मानदेय अत्यंत कम है, जिससे रसोइया एवं रसोइया सह सहायिका को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है| मानदेय में बढ़ोतरी (कलेक्टर दर) किये जाने हेतु अनेक आवेदन-निवेदन किये परन्तु सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं की जा रही है, 2023-24 के बजट में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा केवल रु. 300/- की वृद्धि की गई है, जिससे हम व्यथित एवं आक्रोशित है|
उल्लेखनीय है सरकार के जनघोषणा-पत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ स्कुल के अन्य कर्मचारियों को कलेक्टर दर के अनुसार वेतन दिए जाना उल्लेख है| (कांग्रेस के जन घोषणा पत्र के पृष्ट-27)
प्रदेश के समस्त रसोइया 20 से 23 मार्च 2023 तक 4 दिवसीय धरना का अंतिम दिवस प्रदर्शन धरना स्थल बुढापारा रायपुर करेंगे एवं अपनी कलेक्टर दर की मांग को मजबूती से शासन प्रशासन के समक्ष रखेंगे और जिला प्रशासन को माननीय प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जावेगा| रसोईयों का आंदोलन निरंतर जिला स्तर पर चलता रहेगा।

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