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BREAKING NEWS अब स्कूलों में फुल पैंट-शर्ट पहनकर आएंगे छात्र…

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बच्चों को रोगों के संक्रमण से बचाव के लिए यूपी सरकार ने निर्देश दिए हैं कि सरकारी स्कूलों के छात्रों को फुल पैंट और शर्ट में आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए. इसके साथ ही निर्देश में कहा गया है कि स्कूल कैंपस में पानी का जमाव न होने दिया जाए. मच्छरों से संबंधित फागिंग कराई जाए. नोडल अध्यापक के माध्यम से छात्रों को डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक किया जाए.
बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव की ओर से सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर कहा गया है कि 3 अक्टूबर से शुरू हो रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान में बेसिक शिक्षा विभाग भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाए. सरकारी और निजी स्कूलों में संचारी रोगों के प्रति जागरूकता को लेकर गतिविधियां आयोजित कराई जाए. इसके साथ ही निर्देशों का कड़ाई से पालन किए जाने को भी कहा गया है.
abplive.com की खबर के अनुसार, पत्र में कहा गया है कि सरकारी स्कूलों के छात्रों को निर्देश दिए जाएं कि वह विद्यालय फुल पैंट शर्ट पहनकर आएं, जिससे कि मच्छरों से फैलने वाली बीमारी जैसे डेंगू, मलेरिया इत्यादि से बचा जा सके. यह भी निर्देश दिए गए हैं कि यदि विद्यालय में अत्यधिक संख्या में छात्र-छात्राएं बुखार से पीड़ित हों तो तत्काल पीएचसी को सूचित करते हुए डॉक्टर से मेडिकल जांच और समुचित इलाज सुनिश्चित कराया जाए.
स्कूलों को साफ सुथरा रखने के आदेश
संचारी रोग खासकर मलेरिया, डेंगू इत्यादि के नियंत्रण और रोकथाम के लिए आवश्यक है कि सरकारी स्कूलों के कैम्पस के साथ-साथ उसके आसपास की जगहों पर साफ-सफाई की पूर्ण व्यवस्था की जाए. विद्यालय में गमलों, टायरों, बोतलों आदि में लगाए गए पौधों में भी पानी जमा न हो यह सुनिश्चित किया जाए.
स्थानीय निकाय के पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर स्कूल में मच्छरों से संबंधित फागिंग कराई जाए. प्रत्येक स्कूल में एक स्वास्थ्य नोडल अध्यापक तैनात किया जाए जो विद्यार्थियों को डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया इत्यादि से बचाव के लिए जागरूक करें.
बीमारियों से बचाव के लिए रहें जागरुक
स्वास्थ्य नोडल अध्यापक समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर बीमारियों से बचाव के उपाय भी बताए. साथ ही विभिन्न कक्षाओं में शिक्षक वाट्सएप ग्रुप बनाकर अभिभावकों को उससे जोड़ें और समय-समय पर उन्हें जागरूक करने के लिए वीडियो भेजें. आनलाइन मीटिंग के माध्यम से भी उन्हें सतर्क करें.

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