त्यौहारी सीजन शुरू होने को है और आटा,दाल और महंगा होने लगा है। बीते छह माह में ही आटे की कीमतों में 10 रुपये प्रति किलो की तेजी आ गई है। बताया जा रहा है कि आटे की कीमतों में तेजी का कारण गेहूं की कीमतों में आइ तेजी है।
छह माह पहले 190 से 210 रुपये (प्रति पांच किलो) का मिलने वाला ब्रांडेड आटा इन दिनों 240 से 260 रुपये(प्रति पांच किलो) हो गया है। गेहूं की कीमतों में भी छह माह में लगभग तीन सौ से छह सौ रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आइ है। 2,700 से 4,400 रुपये प्रति क्विंटल मिलने वाले गेहूं की कीमत वर्तमान में 3,000 से 5,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है। दालों की कीमतों में इन दिनों स्थिरता बनी हुई है।
नई फसल आने में पांच माह का समय
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं की नई फसल आने में अभी पांच से छह माह का समय है। कारोबारी प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि मांग की तुलना में आवक कमजोर होने के कारण गेहूं की कीमतें बढ़ रही हैं। प्रदेश में गेहूं की ज्यादातर आवक मध्य प्रदेश से होती है। उन्होंने बताया कि काबुली चने की कीमत भी 13,000 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 14000- 16,500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है।
शक्कर थोक में ही 3950 रुपये प्रति क्विंटल
शक्कर की कीमतों में भी लगातार तेजी बनी हुई है। थोक बाजार में ही शक्कर 3950 से 4200 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है। वहीं चिल्हर में शक्कर 45 से 46 रुपये किलो बिक रही है। अब त्योहारी सीजन में इसकी मांग और बढ़जाती है,इससे कीमतों में बढ़ोतरी और हो सकती है।
खाद्य तेलों में सुस्ती बरकरार
उपभोक्ताओं के लिए राहत वाली बात यह है कि खाद्य तेलों की कीमतों में लगातार सुस्ती बरकरार है और आने वाले कुछ दिनों में कीमतों में और गिरावट की संभावना है। इन दिनों रिटेल में खाद्य तेल 100-105 रुपये लीटर बिक रही है। विशेषकर सोया व पाम तेलों की कीमतों में गिरावट है। हालांकि फल्ली तेल अभी भी 170 से 180 रुपये लीटर बिक रही है। कारोबारियों का कहना है कि कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण यही है कि खाद्य तेलों की विदेशों से आयात जबरदस्त है और आवक की तुलना में मांग कमजोर है।