- चन्द्रभूषण वर्मा
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के नतीजों के साथ कौन बनेगा मुख्यमंत्री, इसे लेकर प्रदेशभर में चर्चाओं का दौर हफ्तेभर चला। इस दौरान कई नामों पर लगातार चर्चाएं चलती रही। और अंतत: छत्तीसगढ़ को एक सरल, सहज स्वभाव के साथ एक ठेठ छत्तीसगढिय़ा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के रूप में मिल गया। इसे हम छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहली गारंटी के रूप में ले सकते हैं। अब आदिवासी क्षेत्रों के लोगों को नए सीएम से उम्मीद है कि इसका सीधा फायदा राज्य के विकास को गति देने में मिलेगा, आदिवासी क्षेत्र में विकास से जुड़े जिन मुद्दों को लेकर परेशानी है और स्थानीय जनता के मांग के अनुरूप काम करने में भी जनता को सुविधा मिलेगी।
साथ ही छत्तीसगढिय़ा मुख्यमंत्री बनते प्रदेशभर में विष्णुदेव साय को बधाई देने का तांता लग गया है। छत्तीसगढ़ में पहली बार आदिवासी नेता को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर बस्तर में आदिवासी समुदाय में खुशी है। भारतीय जनता पार्टी के अलग-अलग जिला मुख्यालयो में इसको लेकर घोषणा के बाद से ही जश्न का माहौल देखने को मिल रहा है। वहीं पार्टी के आदिवासी नेताओं का कहना है कि छत्तीसगढ़ को इस बार डबल इंजन की सरकार मिली है।
वैसे बात करें छत्तीसगढ़ की तो यह ट्राइबल स्टेट है। यहां 32 प्रतिशत आबादी आदिवासी समाज की है. विधानसभा में भी 29 सीट एसटी के लिए आरक्षित हैं। राज्य के विधानसभा चुनाव में सरकार बनाने के लिए राजनीतिक पार्टियों को आदिवासियों का भरोसा जितना जरूरी होता है. ऐसे में बीजेपी ने छत्तीसगढ़ का पहला आदिवासी मुख्यमंत्री घोषित किया है. इससे पहले साल 2000 में राज्य गठन के बाद कांग्रेस ने अजीत जोगी को मुख्यमंत्री बनाया था. जिनको आदिवासी माना जाता है. लेकिन इनके जाति प्रमाण पत्र को लेकर कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस लिहाज से विष्णुदेव साय राज्य के पहले आधिकारिक आदिवासी मुख्यमंत्री हैं।
पिछले साल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के दिन विष्णुदेव साय को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया था. तब कांग्रेस ने बीजेपी को आदिवासी विरोधी बताया था. अब छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह की पुण्यतिथि पर बीजेपी ने विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाकर एकतरह से कांग्रेस को जवाब दिया है। और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ में मोदी की पहली गारंटी छत्तीसगढिय़ा मुख्यमंत्री को बना कर दिया है।
श्री साय के पास 30 साल से अधिक लंबा राजनीतिक अनुभव है। विधायक के तौर पर यह विष्णुदेव साय का तीसरा कार्यकाल है. उन्होंने इस बार कुनकुरी में कांग्रेस के उद मिंज को हराया. विष्णु देव को 87604 वोट मिले जबकि मिंज को 62063 वोट हासिल हुए थे. साय वर्ष 1990 से राजनीति में है. वह 1990 में संयुक्त मध्य प्रदेश में विधायक निर्वाचित हुए थे।
श्री साय चार बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए. 2014 से 2019 के बीच केंद्रीय राज्य मंत्री भी रहे. इस दौरान अलग-अलग समय पर स्टील, खनन और श्रम व रोजगार मंत्रालय में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी निभाई. 2019 लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला लेकिन पार्टी ने उनपर भरोसा दिखाते हुए जून 2020 में छत्तीसगढ़ का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया जिसपर वह अगस्त 2022 तक इस पद पर बने रहे. इससे पहले 2010 और 2014 में भी वह छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।
नए सीएम का व्यक्तिगत जीवन
विष्णु साय के व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो उनके परिवार उनकी पत्नी कौशल्या साय, बेटे टीडी साय और बेटियां एन साय और स्मृति साय हैं. साय अपने सहकर्मियों के बीच एक विनम्र स्वभाव के राजनेता के रूप में जाने जाते हैं।
[metaslider id="184930"













