रायपुर। विधानसभा बजट सत्र के आठवें दिन बुधवार को सदन में राजीव मितान क्लब का मामला उठा। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंक राम वर्मा ने प्रश्नकाल के दौरान घोषणा की कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय बनाए गए राजीव युवा मितान क्लबों को भंग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस क्लब को लेकर पहले भी शिकायतें आई हैं, इसके आधार पर क्लब पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि क्लब के नियमों में ऑडिट का प्रावधान है। इसके अनुसार पूरे खर्च का ऑडिट कराया जाएगा और यदि कहीं राशि के दुरुपयोग का मामला आता है तो वसूली भी की जाएगी।
राजीव मितान क्लब को लेकर कांग्रेस की विधायक सावित्री मंडावी ने प्रश्न किया था। मंत्री ने बताया कि राजीव मितान क्लब के लिए 132 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया था। इसमें से करीब 40 करोड़ रुपये खर्च नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि राजीव मितान क्लब का उद्देश्य कहीं भी पूरा नहीं हुआ। इसके बाद सत्ता पक्ष के विधायकों ने एक के बाद एक पूरक प्रश्न करना शुरू किया। सत्ता पक्ष की तरफ से राजीव मितान क्लब को भ्रष्टाचार का जरिया बताते हुए भंग करने की मांग की गई। कांग्रेस विधायकों ने इसका विरोध किया। इसकी वजह से सदन में थोड़ी देर तक हंगामा होता रहा। इसी दौरान मंत्री ने क्लबों को भंग करने की घोषणा की।
इससे पहले अजय चंद्राकर ने पूछा किया राजीव मितान क्लब को कौन-कौन से मद से राशि दी गई। मंत्री ने बताया कि इसके लिए बजट प्रावधान रखा गया है। प्रति क्लब एक लाख चार किस्तों में देना था। उपयोगिता प्रमाण पत्र के बाद अगली किस्त जारी करने का नियम था। धर्मजीत सिंह ने कहा कि यह खाओ पिओ मौज करो योजना थी। इसकी जांच कराएंगे क्या। इस पर मंत्री ने कहा कि जल्द से जल्द जांच करांगे। धरमलाल कौशिक ने ऑडिट कराने की मांग की। इस पर मंत्री ने बताया कि नियमों में ऑडिट का प्रावधान है। इसके बाद राजेश मूणत ने पूरक प्रश्न करते हुए भंग करने की मांग की। भाजपा के बाकी सदस्य भी क्लबों को भंग करने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे।