Monday, December 8

पुलिस की कभी दबंगई, घूसखोरी और अपराधियों से सांठगांठ कर समाज विरोधी कार्य करने की तस्वीरें अक्सर सामने आती रहती है. ऐसे में समाज के प्रति जिम्मेदार और अपने संस्कार के कारण पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों का मानवीय चेहरा भी सामने आता है जो विभागीय लोगों के साथ समाज के लिए भी प्रेरणाश्रोत बन जाता है. ऐसी ही एक मार्मिक और मनवतावादी सोच की तस्वीर बनारस के चेतगंज थाना क्षेत्र के रनिया महाल (चेतगंज) से सामने आई. तेलियाबाग पुलिस चौकी इंचार्ज पवन पांडेय और सहयोगियों की एक गरीब की शवयात्रा को कंधा देकर अंतिम संस्कार कराने की तस्वीरों ने लोगों के दिल को छू लिया. लोग इस युवा दरोगा और उनके सहयोगियों की चर्चा कर रहे है. इसके साथ ही इन पुलिसकर्मियों ने पुलिस का मानवीय चेहरा प्रस्तुत कर एक उदारण पेश किया है.

घरों में झाड़ू-पोछा कर परिवार का गुजर-बसर करती है लक्ष्मी

दरअसल, रनिया महाल की महिला लक्ष्मी लोगों के घरों में झाड़ू-पोछा कर परिवार का गुजर-बसर करती है. पति झाबर दमा का रोगी था. लम्बे समय से बीमारी के चलते लक्ष्मी की छोटी सी कमाई का ज्यादा हिस्सा दवा-इलाज में ही खर्च हो जाता था. चिकित्सक पति के ठीक हो जाने का आश्वासन देते रहे और लक्ष्मी पति के स्वस्थ्य हो जाने की उम्मीद में सेवा करती रही. मतलबी समाज के किस्से तो बहुत पुराने हैं लेकिन आधुनिकता के आवरण ने समाज को और भी मतलब परस्त बना दिया है. अब औपचारिकता निभाना ही समाज सेवा का आधार बनता दिखाई दे रहा है. ऐसे हालात में लक्ष्मी का पति झाबर की सांसें थम गईं. एक तो जीवन साथी के छिड़ने का गम और दूसरे हालत यह कि अंतिम संस्कार तक के पैसे लक्ष्मी के पास नही थे. पत्नी अपने पति के पास बैठकर रो रही थी.

समाज ने निभाई औपचारिकता

कहने को तो मोहल्ले की आबादी हजारों में है. संवेदनशील लोग भी जुटे लेकिन अधिकतर आश्वासन की पोटली और संवेदना के शब्द प्रकट कर चलते बने. इसी दौरान उस हल्के के चौकी प्रभारी पवन पांडेय को एक विवश महिला की खबर लग गई. वह सहयोगियों के साथ पहंुचे और लक्ष्मी से बातचीत कर हालात की जानकारी ले ली. फिर दरोगा ने अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी ले ली. सारे सामान मंगवाये गये. दरोगा और पुलिसकर्मियों के सेवा को देखते हुए आसपास के युवा भी साथ हो लिए. शव श्मशान घाट तक ले जाने के लिए चार पहिया गाड़ी मंगा ली गई. पूरे विधि विधान से शवयात्रा निकली. दरोगा और पुलिसकर्मियों ने शव को कंधा देकर परिवारीजन होने का धर्म निभाया. इसके बाद शवयात्रा श्मशान घाट ले जाई गई, जहां अंतिम संस्कार पूरा हुआ. अंतिम संस्कार का खर्च दरोगा पवन पांडेय ने वहन किया. साथ ही मृतक की पत्नी को मदद का भरोसा दिलाया. पवन पांडेय के इस कार्य की जानकारी बनारस के पुलिस अफसरों को हुई तो उन्होंने भी दरोगा की सराहना की.

[metaslider id="184930"
Advertisement Carousel
Share.

Comments are closed.

chhattisgarhrajya.com

ADDRESS : GAYTRI NAGAR, NEAR ASHIRWAD HOSPITAL, DANGANIYA, RAIPUR (CG)
 
MOBILE : +91-9826237000
EMAIL : info@chhattisgarhrajya.com
December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031