भारतीय सेना ने बेमेतरा जिले में स्थित स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड फैक्ट्री में हुए विस्फोट के बाद नागरिक प्रशासन को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की। डीसी, बेमेतरा के अनुरोध पर 25 मई को मेजर जयदीप के नेतृत्व में सीओडी (सेंट्रल ऑर्डिनेंस डीपोट) जबलपुर की एक टीम रवाना हुई और 26 मई को सुबह 8 बजे तक साइट पर पहुंच गई।
स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड कंपनी औद्योगिक विस्फोटकों का उत्पादन करती है और इसकी 100 एकड़ भूमि में कॉर्डेक्स, पीईटीएन, अमोनियम नाइट्रेट आदि के लिए विभिन्न भंडारण सुविधाएं हैं। 24 मई की सुबह 07:45 बजे, फैक्ट्री के एक विस्फोटक भंडारण टैंक में आग लग गई, जिससे लगभग 8 बजे एक बड़ा विस्फोट हुआ। इस हादसे में जान-माल का नुकसान हुआ और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए विशेषज्ञ सहायता की आवश्यकता पड़ी।
मेजर जयदीप के नेतृत्व में टीम ने सिविल प्रशासन, फैक्ट्री के प्रतिनिधियों, पीईएसओ (पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन) प्रतिनिधियों, एनडीआरएफ और सीआरपी के साथ समन्वय किया। टीम ने विस्फोट स्थल का निरीक्षण कर विस्फोटकों की स्थिति और संभावित कारणों का पता लगाया।
सलाह और अगली कार्रवाई :
संरक्षित विस्फोटक भंडारण : ट्रैवर्स द्वारा संरक्षित भंडारण में संग्रहीत विस्फोटकों से तत्काल विस्फोट का खतरा नहीं होता है।
पीईटीएन का निपटान : 24 मई की उपज में बचे हुए पीईटीएन को पानी में डुबाकर रखा जाए।
आग बुझाना: खदबदाती आग को बुझाने के लिए थोक भंडार गृह को पानी से भिगोया जाए।
नाइट्रिक एसिड का प्रबंधन : 3-4 कंटेनरों से रिसने वाले सांद्र नाइट्रिक एसिड को भारी मात्रा में पानी से भिगोया जाए।
सुरक्षा उपाय : क्षेत्र को सभी लोगों के लिए सीमा से बाहर रखा जाए, उपरोक्त कार्रवाई करने वाले लोगों के लिए नहीं।
पीईएसओ की अनुमति : पीईएसओ द्वारा दौरा और निरीक्षण किए जाने तक किसी भी संचालन और विस्फोटकों को हटाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
भीड़ नियंत्रण : सख्त भीड़ नियंत्रण उपाय और क्षेत्र की घेराबंदी की जाए।
बेमेतरा, रायपुर से लगभग 60 किमी उत्तर पूर्व में स्थित है। भारतीय सेना की सीओडी टीम, मेजर जयदीप के नेतृत्व में, आधी रात को जबलपुर से रवाना हुई और सुबह तक घटनास्थल पर पहुंची। टीम के साथ दो बम सूट, दो विस्फोटक वेपर डिटेक्टर और अन्य आवश्यक सामग्री थी, जिससे वे प्रभावी ढंग से कार्य कर सके।
इस घटना के बाद, सेना और नागरिक प्रशासन ने मिलकर त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की, जिससे बड़ी दुर्घटना को टाला जा सका और क्षेत्र को सुरक्षित बनाया गया।













